एक साल के लिए ‘नीट’ से मोहलत
नयी दिल्ली, 20 मई (ट्रिन्यू)
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए राज्य बोर्डों को एक साल के लिए राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट मिल गयी है। हालांकि यह छूट सरकारी कॉलेजों के लिए है, लेकिन आंशिक रूप से प्राइवेट कॉलेजों पर भी लागू होगी। प्राइवेट कॉलेजों में सरकारी कोटे से भरी जाने वाली सीटों पर दाखिला बिना नीट के किया जा सकेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी कर दिया है। इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 9 मई के उस आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया गया है जिसमें देश के सभी सरकारी, डीम्ड और निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए एक समान प्रवेश परीक्षा नीट को अनिवार्य कर दिया गया था। गौरतलब है कि देशभर में एमबीबीएस की 52715 सीट हैं, नये अध्यादेश के मुताबिक इनमें 30 हजार सीटों के लिए ही इस साल नीट जरूरी रहेगा। 7 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पहले ही एआईपीएमटी के माध्यम से दाखिले होते हैं। इन सात राज्यों में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान शामिल हैं।
नीट परीक्षा का पहला दौर 1 मई को हो चुका है जिसमें लगभग 6.5 लाख छात्र बैठे थे। इस परीक्षा की अगली तारीख 24 जुलाई है, लेकिन इस अध्यादेश के जारी होने के बाद सरकारी कॉलेजों में दाखिला के लिए छात्रों को 24 जुलाई को होने वाली परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होगी। ये मोहलत सिर्फ एक वर्ष के लिए है और अगले साल से सभी छात्रों को राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के जरिए ही दाखिला मिलेगा। कई राज्यों ने हाल ही में नीट पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। 14 राज्यों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर परीक्षा की भाषा और पाठ्यक्रम को लेकर चिंता जतायी थी। सरकार को इस अध्यादेश को लाने की जरूरत क्यों पड़ी, यह समझाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई को सुनाया था फैसला : गौरतलब है कि 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को लेकर चल रही सभी शंकाओं को समाप्त करते हुए कहा था कि जो उम्मीदवार नीट-1 में बैठ चुके हैं वह 24 जुलाई को होने वाली नीट-2 में भी बैठ सकते हैं। लेकिन यह तभी होगा जब वह नीट-1 को छोड़ देंगे। इसका मतलब यह है कि जो छात्र नीट-1 में बैठने के बाद नीट-2 में बैठेंगे उनकी रैंक और स्कोर नीट-2 के अनुसार तय होगी।
नेताओं के चल रहे हैं कॉलेज, वे नहीं चाहते नीट : केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) को बंद करने के लिए अध्यादेश नहीं लाये जाने की मांग की है। केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि नीट को बंद करने का अध्यादेश नहीं लाया जाना चाहिये। यदि इसे रद्द किया गया तो लोगों में यह संदेश जायेगा कि केंद्र सरकार कालाधन संचय करने वालों का साथ दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पार्टियों के सांसदों और नेताओं के अपने निजी मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं।