जादुई सिक्का निकला नकली, नौ काबू
जादुई सिक्का बताकर लोगों को ठगने वाले गिरोह के सदस्य देहरादून पुलिस की हिरासत में।
देहरादून, 20 अगस्त (निस)। राइसपुलर सिक्का आखिर नकली ही निकला। हकीकत सामने आई तो नौ ठग पुलिस के हाथ लगे, जबकि एक फरार बताया जा रहा है। कुल दो लाख व 11 मोबाइल बरामद किए गए हैं। अस्सी लाख के कथित जादुई सिक्के के मामले में पुलिस ने आज आरोपियों को मीडिया के आगे पेश किया। इस सिक्के का सौदा करने वाले एक दर्जन लोगों को पुलिस ने कल शाम गिरफ्तार किया था। मुंबई से खरीदार कल दून पहुंचे थे जहां सिक्के के नकली होने के बाद पुलिस को सूचना दी गयी थी। लंबे समय से सिक्के के सौदे की बात मुंबई की पार्टी से चल रही थी और इसी दौरान पार्टी को सिक्के के नकली होने की भनक लग गयी। लेन-देन में खटपट होने लगी तो पुलिस को बुला लिया गया।
अद्वितीय शक्तियों के लिए विख्यात राइसपुलर क्वाइन एक फिर चर्चाओं में है। वर्ष 2011 में इस प्रकार के सिक्के को असली बता कर दो करोड़ ठग लिए गए थे और लगभग इसी अंदाज में एक बार दून में ठगी का पूरा जाल बुन लिया गया था। ठगी का यह बड़ा मामला कल शाम पुलिस के आगे आया। दो पार्टियों के बीच इस सिक्के को लेकर चल रही गुप्त सौदेबाजी मुंंबई तक पहुंच चुकी थी। इस सिक्के को बाद में लंदन में बेचा जाना था। रेडियम और तांबे से बने इस सिक्के में जादुई ताकत का दावा किया जाता है। बताते हैं कि वर्ष 1616 में इस प्रकार के सिक्के के प्रथम बार सामने आने की कहानियां बताई जाती हैं। सिक्के के बारे में किंवदंती है कि यह इसकी रासायनिक प्रभाव के कारण इसमें चुंबकीय शक्ति होती है जो कई वस्तुओं को अपनी ओर खींचने की क्षमता रखता है। सिक्के को असली बताने का दावा करने वालों ने इसके लिए मुंबई के कुछ लोगों से सौदा किया था। करोड़ों से शुरू हुई डील लाखों में तय हुई और पार्टी मुंबई से कल भुगतान करने के लिए दून आ पहुंची। बताते हैं कि इस प्रकार के सिक्कों को लेकर पहले भी करोड़ों की ठगी के मामले प्रकाश में आ चुके हैं।
कल शाम इस मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच असली-नकली के फेर में सौदा बिगड़ गया। पैसा डूबते देख मुंबई की पार्टी ने पुलिस को सूचना दे दी।
इस आधार पर दून की एसओजी टीम ने विवेक शर्मा, मणिराजन, जय प्रकाश तिवारी, रमेश, दिनेश कुमार, दिलीप सागर, वैभव पुंडीर, आलोक सैनी व मनीष कुमार को धर दबोचा। एक व्यक्ति फरार बताया जा रहा है। इनके पास से दो लाख नगद, एक सिक्का, 11 मोबाइल फोन व ठगी में प्रयुक्त की गयी दो कारें भी बरामद की गयी हैं। गुरू शरण सिंह चौहान एवं परवेज हुसैन के साथ इस डील का सौदा फोन व ईमेल के माध्यम से हुआ था।