5 गांवों के किसानों का पांचवीं बार धरना
लोहारू क्षेत्र के ढिगावा मंडी के 132 पावर हाउस के सामने सोमवार को धरने पर बैठे पांच गांवों के किसान। -निस
लोहारू, 6 जनवरी (निस)
ढिगावा पावर हाउस के तहत आने वाले पांच गांव कुड़ल, बड़दू, लक्ष्मण ढाणी, भूंगला व बास में तीन माह से केवल रात को ही बिजली आती है। किसानों को फसलों की सिंचाई रात के वक्त करनी पड़ती है। इस समस्या के समाधान के लिए अब तक दिए गए चार धरनों के बाद किसानों ने सोमवार को पांचवीं बार धरना दिया। बाद में तहसीलदार ने मौके पर जाकर किसानों को लिखित में भरोसा दिया कि उनकी समस्या का समाधान सात दिन में हर हाल में कर दिया जाएगा। इसके बाद किसानों ने धरने को खत्म कर दिया। धरने पर बैठे किसान राजेश, मनोज, दिनेश, रवि, साहिल, विनोद आदि ने बताया कि उनके उक्त गांवों में तीन माह पूर्व तक ढिगावा के 132 केवी पावर हाउस से बिजली जाती थी, लेकिन उसी दौरान ढिगावा स्थित एक मिल के ऊपर से जाने वाली इस बिजली आपूर्ति की केबल में अधिक लोड के कारण आग लग गई थी। उसके बाद से ही बिजली निगम ने इस जली हुई केबल को ठीक नहीं किया। इसकी बजाए निगम अधिकारियों ने इन गांवों की सप्लाई वैकल्पिक तौर पर बुढ़ेड़ा के पावर हाउसे से कर दी। बुढेड़ा पॉवर हाउस पर दिन के वक्त अधिक लोड होने के कारण कर्मचारी उक्त गांवों में केवल रात के वक्त 10 बजे से सुबह 5 बजे तक बिजली आपूर्ति करते हैं। यह आपूर्ति फीडर के अनुसार बारी-बारी से दिन के वक्त करने की गुहार बुढेड़ा पावर हाउस से की थी, लेकिन दिन में अधिक लोड का हवाला देकर केवल रात के वक्त ही आपूर्ति देते हैं।
भाकियू ने बिजली उपभोक्ताओं पर छापामारी का किया विरोध
बाढड़ा (निस) : भाकियू ने जिले के सभी किसान संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक कर बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू व कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर रातोंरात की जा रही छापामारी का कड़े शब्दों में विरोध करते हुए इसको बंद करने की मांग की। कस्बे के किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए किसान संघर्ष समिति संयोजक कमल सिंह मांढी ने कहा कि बाढड़ा उपमंडल के तीस से अधिक गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हैं और जिला प्रशासन ने स्पेशल गिरदावरी शुरू करवा दी है लेकिन अभी तक सारी प्रगति रिपोर्ट से किसानों को दूर रखा जा रहा है। प्राकृतिक मार से जूझ रहे बाढड़ा क्षेत्र में आए दिन बिजली चोरी की आड़ में घरेलू व किसानों को परेशान किया जा रहा है, वहीं विभाग जानबूझ कर भारी भरकम जुर्माना राशि वूसल रहा है जो अन्याय है।
रात को ही करने पड़ते हैं सब काम
किसानों को चारा मशीनें, दूध बिलौने आदि के सभी बिजली आधारित कामकाज रात के वक्त ही करने पड़ रहे हैं। गत धरने में ढिगावा के एसडीओ ने किसानों को दस दिन का आश्वासन दिया था। सोमवार को दस दिन बीत जाने पर गुस्साए किसान धरने पर बैठ गए। किसानों ने बताया कि अब सरसों की फसल बड़ी हो चुकी है। हमेशा ही रात के वक्त ठंड में पीना देना मुश्किल हो गया है। गुस्साए किसानों ने कुछ समय के लिए 132 केवी पावर हाउस की संपूर्ण सप्लाई भी बंद करा दी। सूचना मिलते ही लोहारू के एसडीओ राकेश कुमार तथा थाना प्रभारी कंवरपाल सिंह मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों को दो-तीन देने की बात कही, लेकिन किसान ढिगावा के एसडीओ को धरने के बीच लाने की जिद पर अड़े हुए थे, जिन्होंने गत धरने में उन्हें दस दिन का समय दिया था। साथ ही वे एसडीओ व थाना प्रभारी से लिखित में तीन दिन का आश्वासन मांग रहे थे। लेकिन इन अधिकारियों ने लिखित में देने से मना कर दिया। बाद में सायं को तहसीलदार ने मौके पर जाकर लिखित में 7 दिन का आश्वासन दिया तो किसान माने।
धान की बिजाई पर पंचायत ने लगाई रोक
चरखी दादरी (निस) : जिले के गांव बिगोवा में सोमवार को पंचायत पर धान की बिजाई पर रोक लगाई है। साथ ही धान की बिजाई करने वाले किसान पर 21 हजार रुपए जुर्माना व बिजाई की गई फसल में ट्रैक्टर चलाकर नष्ट करने का निर्णय लिया है। सोमवार को गांव बिगोवा में सरपंच राजपाल सिंह की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत में पक्ष रखा कि धान की बिजाई के कारण जलभराव की स्थिति पैदा होती है, जिसके चलते गांव के चारों तरफ पानी जमा हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया कि भविष्य में गांव का कोई भी किसान धान की बिजाई नहीं करेगा। अगर कोई किसान पंचायत के फैसले के खिलाफ जाकर धान की बिजाई करेगा तो उस पर पंचायत द्वारा 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए बिजाई की गई फसल का नष्ट कर देगी। इस दौरान कमेटी का भी गठन किया गया जो पूरे मामले पर निगरानी रखेगी।
किसानों ने धरना देने का लिया फैसला
सिवानीमंडी (निस) : अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों ने 8 जनवरी के ग्रामीण भारत बंद के लिए गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया। उन्होंने लोगों से कहा कि भाजपा सरकार की नीतियां किसान व मजदूर वर्ग के हित में नहीं है। भाजपा-जजपा सरकार ने किसान और मजदूर की भलाई को लेकर जो घोषणाएं की थीं, आज उस पर कोई अमल नहीं हो रहा है। किसानों ने 8 जनवरी को ओबरा चौक पर धरना देने का फैसला लिया। सोमवार को किसान नेताओं ने ओबरा, बैराण, शहरयारपुर, सलेमपुर, नूनसर गांवों का दौरा किया तथा लोगों को ग्रामीण भारत बंद में भाग लेने के लिए कहा। किसान नेता डॉ. बलबीर सिंह ठाकन ने कहा कि प्रदेश सरकार ठेका प्रथा व निजीकरण को बढ़ावा देकर लोगों से रोजगार छीन रही है।