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महम में निर्दलीय ने बिगाड़े समीकरण

अनिल शर्मा/निस रोहतक, 20 अक्तूबर रोहतक जिले की चारों सीटों पर मामला इस कदर उलझ गया है कि किसी भी सीट को क्लीयर पोजिशन पर नहीं कहा जा सकता है। महम में जहां निर्दलीय प्रत्याशी ने समीकरण बिगाड़े तो कलानौर में कांग्रेस व भाजपा में कड़ा मुकाबला है। बात गढ़ी सांपला किलोई की करे तो […]
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अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 20 अक्तूबर

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रोहतक में रविवार को चुनाव ड्यूटी पर जाती एक महिला चुनाव अधिकारी ईवीएम उठाये हुए।
-मनोज ढाका

रोहतक जिले की चारों सीटों पर मामला इस कदर उलझ गया है कि किसी भी सीट को क्लीयर पोजिशन पर नहीं कहा जा सकता है। महम में जहां निर्दलीय प्रत्याशी ने समीकरण बिगाड़े तो कलानौर में कांग्रेस व भाजपा में कड़ा मुकाबला है। बात गढ़ी सांपला किलोई की करे तो यहां पर कांग्रेस व भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। जातीय समीकरण को देखते हुए जाट लैंड में माने जाने वाली इस सीट का फैसला इस बार गैरजाट मतदाताओं के हाथ होगा। इसके पीछे कारण यह है कि भाजपा व कांग्रेस से दोनों प्रत्याशी जाट समुदाय से है। विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रोहतक, महम, कलानौर व गढ़ी सांपला किलोई में इस बार रोचक मुकाबला बना हुआ है। रोहतक सीट पर भाजपा व कांग्रेस में आमने सामने की टक्कर है। पंजाबी बहुल्य रोहतक शहरी सीट पर मामला अब जाकर फंस गया है। शुरूआत में भले ही कांग्रेस को यहां कमजोर माना जाता था, लेकिन अब दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस व भाजपा की हार जीत में निर्दलीय प्रत्याशी गणित बिगाड़ सकते हैं। करीब पौने दो लाख मतदाता शहरी सीट पर है, जिन पर 70 हजार के करीब पंजाबी मतदाता है। कांग्रेस व भाजपा की तरफ से पंजाबी समाज से ही प्रत्याशी उतारे गए हैं। आउटर क्षेत्र में करीब 35 हजार से अधिक जाट मतदाता हैं, जो हार जीत को निर्णायक बना सकते है। भाजपा विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है। गढ़ी सांपला किलोई सीट पर सीधा-सीधा मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व भाजपा प्रत्याशी सतीश नांदल के बीच बना हुआ है। इस सीट पर किसी भी तरह का अंदाजा लगाना अभी सही नहीं होगा। जाट बाहुल्य इस सीट पर इस बार गैर जाट मतदाता निर्णायक होंगे, जिन्हें लुभाने के लिए दोनों पार्टियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा दस साल से विधायक रहे हैं और यह हुड्डा का गढ़ माना जाता है, भाजपा के लिए यह सीट जीतना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। पूरे हरियाणा की निगाहे भी इस सीट पर बनी हुई है। महम विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुण्डु ने सीधे सीधे भाजपा व कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया है। यह सीट भी जाट बाहुल्य मानी जाती है और करीब 90 हजार जाट मतदाता है। मामला इतना नजदीकी फंसा हुआ है कि सट्टा बाजार भी भाव तय नहीं कर पा रहा है।

रिजर्व सीट पर गैर जाट मतदाता ही निर्णायक

रही बात कलानौर विधानसभा क्षेत्र की यहां पर भाजपा व कांग्रेस के बीच आमने सामने की टक्कर है। भले ही यह सीट रिजर्व है। इस सीट पर गैर जाट मतदाता ही निर्णायक भूमिका निभाते है, हालांकि जाट मतदाताओं की संख्या कम नहीं है और करीब 70 हजार मतदाता इस सीट पर है।

 

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