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सुस्ती को दूर करे स्पा

फैशन / ग्लैमर स्पर्धा दिन भर की थकान के बाद मन करता है कि काश, कोई शरीर की सारी थकान और दर्द को दूर कर दे। हम दिन भर का काम करने के बाद जैसे ही बिस्तर पर जाते हैं, नींद हमें अपनी आगोश में ले जरूर लेती है लेकिन थकान पूरी तरह से निकल […]
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फैशन / ग्लैमर

स्पर्धा
दिन भर की थकान के बाद मन करता है कि काश, कोई शरीर की सारी थकान और दर्द को दूर कर दे। हम दिन भर का काम करने के बाद जैसे ही बिस्तर पर जाते हैं, नींद हमें अपनी आगोश में ले जरूर लेती है लेकिन थकान पूरी तरह से निकल नहीं पाती है। रोजाना की यही थकान हमारे शरीर में सुस्ती पैदा करती है और हम दोपहर में उनींदा सा महसूस करते हैं। यह उनींदापन धीरे- धीरे हमारे काम को प्रभावित करने लगता है और हम अपने काम में पिछड़ते जाते हैं। ऑफिस में हमेशा अव्वल कर्मचारियों की सूची में आने वाला हमारा नाम पिछड़ता जाता है। इस सबसे निजात पाने का एक बेतरीन तरीका है स्पा। जी हां, स्पा हमारे शरीर में बसे थकान और उनींदेपन को दूर करता है।
स्पा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक रूप है। इसमें विभिन्न तरह की थेरेपी, जैसे- मड थेरेपी, रोज थेरेपी, ऑक्सीजन थेरेपी, चॉकलेट थेरेपी आदि से तनाव और थकावट को दूर किया जाता है। स्पा की कॉन्सेप्ट इन दिनों तेजी से पॉपुलर हुई है। पहले लोगों को लगता था कि स्पा एक महंगा ट्रीटमेंट है, जबकि ऐसा नहीं है। यह अब सही कीमत में आम लोगों के लिए उपलब्ध है, जो शरीर के लिए कई तरह फायदेमंद रहता है। कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि मसाज करने से हमारे शरीर से सेरोटोनिन नामक हार्मोन निकलता है, जो हमारे शरीर और मस्तिष्क को ‘अच्छा महसूस’ कराता है। जब भी हम स्पा का लाभ उठाते हैं, हमारे शरीर और मस्तिष्क के साथ ही हमारी आत्मा एक लय में आ जाती है। यही नहीं, मसाज रक्त संचार को भी दुरुस्त करता है, जो कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाने का काम करता है।
इस गरम और उमस भरे मौसम में लोगों का थकान और नींद को महसूस करना आम है, उन्हें भूख भी कम लगने लगती है। इसका कारण यह है कि व्यक्ति के शरीर में से पसीना निकलने से पोटैशियम तत्व कम होने लगता है और इसकी पूर्ति जल्दी नहीं होती है। यदि हमारे शरीर से लगातार टॉक्सिन न निकले तो हमारा शरीर भ्रम और अयोग्यता के स्तर पर पहुंच जाता है और यही दोपहर में उनींदेपन का कारण बनता है। यहीं पर स्पा हमारे काम आता है। यह शरीर को डीटॉक्सिफाई करने में मदद करता है। गरम और सूखी हवा या गरम या नम हवा, किसी भी तरह से गरमी हमारे शरीर में पहुंचकर रक्त संचार को दुरुस्त करती है और इस तरह से शरीर को शुद्ध करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
स्पा के अंतर्गत ही बॉडी रैप यानी शरीर को ढकना भी शरीर को स्फूर्तिवान करने के लिए पर्याप्त है। यह शरीर को तुरंत ही खनिज की पूर्ति करता है और रोजाना खोने वाले पोषण और तत्वों की भरपाई भी करता है। इस तरह से आप ताजगी महसूस करते हैं और रिलैक्स हो जाते हैं।
स्पा के अंतर्गत ही आयुर्वेद मसाज नस्यम है, जो शरीर से सारी गरमी को सोखकर बाहर कर देता है। इसके तहत शरीर के ऊपरी हिस्से यानी कंधे से ऊपर को मसाज करके पसीना निकाला जाता है। एक हर्बल तत्व को साथ ही साथ नाक में डाला जाता है। कहा जाता है कि शरीर को ठंडा करने के साथ ही यह मसाज साइनोसाइटिस, माइग्रेन, ठंड और छाती में जकड़न से जूझ रहे मरीजों को भी लाभ पहुंचाता है। यह तुरंत स्फूर्ति उत्पन्न करने वाला बॉडी रब है, जो पहले आपकी त्वचा को पोषण प्रदान करने के साथ ही ताजगी देता है। इसमें ककड़ी और एलोविरा के कूलिंग और टोनिंग प्रभाव भी निहित हैं। संपूर्ण शरीर का मसाज हथेली के दबाव से किया जाता है, इस प्रक्रिया में संपूर्ण शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करने और गरमी को बाहर निकालने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
गर्मियों में मसाज हमें ठंडा महसूस कराने के साथ ही शांति भी प्रदान करता है। एरोमा ऑयल्स की खुशबू, धीमे संगीत और मद्धम रोशनी वाला वातावरण आपको रिलैक्स महसूस कराने के साथ ही गरमी भरे महीनों से भी राहत दिलाने के लिए काफी है। स्पा स्किन टिश्यू को भी सक्रिय करती है, शरीर को रिलैक्स करने के साथ-साथ दिमाग का कंसंट्रेशन भी बढ़ाती है। यह त्वचा और चेहरे की खूबसूरती को दुरुस्त करने का सबसे बेहतरीन तरीका है। एरोमा ऑयल्स के तहत एसेंशियल ऑयल की बूंदों को मिलाकर किए जाने वाले उपचार से युवाओं में अकसर घर करने वाली बीमारियां (जैसे ब्लड प्रेशर) भी कुछ हद तक दूर होती है।
स्पा की खास बात यह है कि इसमें कई तरह के ब्यूटी-ट्रीटमेंट जैसे हेयर फॉल, डैंड्रफ, अकसर उठने वाले सिरदर्द, बेजान त्वचा, शरीर में ऐंठन के लिए अलग-अलग एसेंशियल ऑयल के ड्रॉप को लेकर लेप तैयार किया जाता है। फिर, स्पा एक्सपर्ट शरीर के ऐसे ‘प्रेशर-प्वाइंट” पर इस लेप से मसाज करते हैं, जिसके बारे में उन्हें मालूम होता है।
पूरे हफ्ते काम करने के बाद रिलैक्स होने के लिए स्पा बेशक एक बेहतरीन विकल्प है। यह प्राकृतिक इलाज है, इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यही वजह है कि पिछले तीन साल के अंदर इसे फेशियल, मेनिक्योर, पेडिक्योर, फुट मसाज, क्रीम बाथ और बालों के रख-रखाव में खूब इस्तेमाल किया जाने लगा है। इसमें शरीर की जरूरत के मुताबिक कई तरह की थेरेपी दी जाती हैं। सपा को आधुनिक जीवन और जीवनशैली के अनुसार थोड़ा सा बदला गया है। इसके जरिए शारीरिक और मानसिक परेशानियों से निजात पाना आसान हो जाता है।

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