कैथल, संगरूर ज़िलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 9 जुलाई। हरियाणा व पंजाब के बाढ़-ग्रस्त कुछ हिस्सों में स्थिति बिगड़ गयी है। कैथल व संगरूर जिलों में क्रमश: हांसी-बुटाना नहर व घग्गर नदी में दरार से अनेक गांवों में बाढ़ का पानी भर गया जबकि कुरुक्षेत्र में पानी का रुख बदलने को लेकर कुछ गांवों के लोगों में तनाव हो गया और हवा में गोली चलने की सूचना है। उस क्षेत्र में लोगों द्वारा सड़क पर जाम लगाये जाने की भी सूचना है। हांसी बुटाना नहर में से करीब 40 गांवों में बाढ़ आ गयी। संगरूर में इससे 50 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया।
अंबाला हिसार राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ है। सेना फिर से शुरू करने की कोशिश कर रही हैं। अंबाला चंडीगढ़ रेल लाइन पर यातायात फिर से शुरू हो गया है। अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, संगरूर, पटियाला और मोहाली जिलों के करीब 200 गांव बाढ़ प्रभावित बताये जाते हैं।
कुरुक्षेत्र (हप्र)। यहां पिहोवा रोड पर स्थित मुकीमपुर गांव के पास बीबीपुर झील के टूटने के परिणामस्वरूप मुर्तजापुर तथा मुकीमपुर गांव में कल से ही
कुरुक्षेत्र के गांव मुकीमपुर में पानी का रुख बदलने के लिए नहर काटते हुए लोग तथा (दाएं) पानी काटने को लेकर तनाव के चलते लाठियां लिए हुए ग्रामीण -हप्र
काफी पानी घुस आने के परिणामस्वरूप आज जब पानी मुकीमपुर गांव के घरों में घुसने लगा तो गांव वालों द्वारा पानी का रुख बदलने के लिए पानी को दूसरी ओर काटना चाहा। परिणामस्वरूप पास ही स्थित गढ़ीसिंगा गांव के लोगों ने इस बात पर ऐतराज किया। परिणामस्वरूप मुर्तजापुर, मुकीमपुर तथा गढ़ीसिंगा के लोगों में आपसी तनाव व्याप्त हो गया। गढ़ीसिंगा गांव के लोगों का कहना था कि यदि पानी उनके गांव की तरफ काटा गया तो उनकी सारी फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
तनाव के चलते दोनों गुटों द्वारा निकाल लिये गये और एक गुट द्वारा हवाई फायर किया गया। आरोप है कि हवाई फायर गढ़ीसिंगा गांव के किसी व्यक्ति ने किया है जबकि दूसरी ओर से यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि फायर दोनों तरफ से हुए हैं। इसी आरोप और प्रत्यारोप के बीच दोनों गुटों के कुछ लोग लाठियां तथा भाले इत्यादि भी ले आये थे। दोनों गुटों में काफी तकरारबाजी तथा पत्थरबाजी होने के समाचार भी है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस तैनात है। पुलिस ने
लड़ाई को शान्त किया हुआ है। मुर्तजापुर नहर के पास का इलाका पुलिस छावनी बना हुआ है। रोषस्वरूप मुर्तजापुर तथा मुकीमपुर के लोगों द्वारा मौके पर जाम भी लगाया गया और काफी देर यातायात भी अवरूद्ध रहा। इस सारे मामले में मुकीमपुर गांव के लोगों का आरोप है कि जिस व्यक्ति ने गोली चलायी है पुलिस ने उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नही की है। जबकि पुलिस का कहना है कि उनके पास अभी तक कोई शिकायत नही आई है।
उधर, कुरुक्षेत्र में पिछले पांच दिनों से बाढ़ की चपेट में आए लोगों का जीवन आज सामान्य होना शुरू हो गया है। बाढग़्रस्त क्षेत्रों दीदार नगर तथा शांतिनगर
शुक्रवार को अम्बाला शहर के मॉडल टाउन क्षेत्र में गलियों में भरा पानी। -दैनिक ट्रिब्यून/एस चंदन
के लोगों ने अपने-घरों तथा सामान की सुध लेनी शुरू कर दी है। इन क्षेत्रों का पानी लगभग उतर गया है। लेकिन बाढग़्रस्त क्षेत्रों में चारों ओर बदबू का आलम है। दूसरी तरफ आज सायं 5 बजे गुलाबगढ़ के पास टूटी एसवाईएल नहर को भी पाट दिया गया है, जबकि उदारसी के पाट टूटी एसवाईएल को कल ही ग्रामीणों ने पाट दिया गया था लेकिन बाढ़ की चपेट में आए दर्जन से भी अधिक गांवों के खेतों में अभी भी पानी ही पानी नजर आ रहा है। ज्योतिसर तथा मुकीमपुर के पास से बीबीपुर झील के टूटने के कारण उस क्षेत्र में तेजी से पानी बाहर आ रहा है और खेतों में मार कर रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नरकातारी, जोगनाखेड़ा, गुलाबगढ़, उदारसी, मुर्तजापुर, हंसाला, गढ़ीसिंगा, बाहरी, भिवानीखेड़ा तथा मुण्डाखेड़ा इत्यादि गांवों के खेतों में कई-कई फुट पानी खड़ा है। किसी भी अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन द्वारा अभी भी गांवों में किश्तियां तैयार खड़ी की हुई हैं।
हुड्डा का दौरा : मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और जनता को आश्वासन दिया कि दुख की घड़ी में सरकार पूरी तरह उनके साथ है। सभी को पूरी सहायता दी जाएगी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कुरुक्षेत्र जिला में बाढ़ राहत कार्यों की देखरेख के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में हरियाणा के सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव तथा मुख्य संसदीय सचिव धर्मबीर को शामिल किया गया है। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष सरदार हरमोहिन्द्र सिंह चट्ठा भी उनके साथ रहेंगे।
दीदारनगर में इस संवाददाता से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह कमेटी कुरुक्षेत्र में तब तक रहेगी जब तक राहत कार्य पूरे नही हो जाते। कमेटी बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं जुटाना सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कुरुक्षेत्र की झांसा रोड स्थित सरस्वती कालोनी, भद्रकाली मंदिर कालोनी, सैनी कालोनी, कुबेर कालोनी, श्याम कालोनी, शांति नगर, दीदार नगर, नरकातारी क्षेत्रों में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेते हुए कहा कि बाढ़ के कारण नुकसान की प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को कल तक भेज दी जाएगी। बाद में फसलों के नुकसान के लिए गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं। मकानों के हुए नुकसान का भी जायजा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि जिन गांवों में बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है, राहत कार्यों के लिए पटवारी व ग्राम सचिव मोबाइल फोन के साथ लगातार प्रशासन के साथ संपर्क बनाए रखेंगे तथा उस गांव की जरूरत को पूरा करने के लिए सूचित करेंगे।
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त पंकज अग्रवाल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्वास्थ्य कैंप, लोगों के ठहरने के लिए स्कूलों व धर्मशालाओं में राहत शिविर, पीने के पानी के टैंकर, पशुओं को बीमारियों से बचाव के लिए प्रबंध, प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को फूड पैकेट तथा दवाइयां दी जा रही हैं।
कैथल (एस)। जिला को बाढ़ से बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन से निरंतर संपर्क जारी है। प्रबंधन द्वारा कैथल में 120 किश्तियां तथा कर्मचारी तैनात किए हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय प्रशासन का अमला और समाज सेवी संस्थाएं भी मुस्तैद है, ताकि बाढ़ की स्थिति में लोगों को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। हांसी-बुटाना नहर पर सेना की तैनाती कर दी गई है तथा पुलिस के जवान और संबंधित विभागों के कर्मचारी भी निरंतर कार्यरत है। जानकारी के मुताबिक गुहला-चीका क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में है, जहां पर किश्तियों, जरनेटर सेटों, लाइफ जाकेट, चिकित्सा सुविधाएं इत्यादि की व्यवस्था की गई है। शुद्ध पानी के 10 हजार से अधिक पाउच वितरित करने के लिए उपलब्ध है तथा 15000 मिट्टी के बैग अतिरिक्त उपलब्ध है। डीजल पंप, जेसीबी मशीने और ट्रैक्टर ट्राली निरंतर कार्यरत है। उधर जनस्वास्थय मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि बुढेड़ा हैड से एनपीके और एसवाईएल से दो नहरें निकलती हैं। दोनों नहरों में पानी निकाला जा रहा है, ताकि किसी भी गांव को बाढ़ से बचाया जा सके। उन्होंने गांव वालों से अपील की कि वे इसी तरह प्रशासन और सरकार को अपना सहयोग देते रहे। उन्होंने कहा कि क्योड़क में बेसक पानी घुस आया है, लेकिन ग्योंग, ढांड सहित साथ लगते क्षेत्रों में अभी बाढ़ से बचाव है।