ए.चक्रवर्ती
तमन्ना भाटिया साउथ की एक नामचीन तारिका हैं। इस वक्त भी वह साउथ की पांच-छह फिल्मों को लेकर व्यस्त हैं। लेकिन हिंदी फिल्मों में आने की उनकी जद्दोजहद जारी है। इस मामले में उन्हें हताशा ही मिली है। अजय, अक्षय जैसे कई बड़े हीरो के साथ की उनकी कुछ फिल्मों ने उनका साथ नहीं दिया। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ उनकी फिल्म बोले चूड़ियां भी अधर में है। यहां तक कि बाहुबली जैसी सुपर हिट फिल्म के बाद भी हिंदी में उन्हें कुछ खास नोटिस नहीं किया गया। हाल ही में उन्होंने एक वेब सीरीज में भी काम करना मंजूर किया है। खैर, हिंदी फिल्मों में उनका सम्मोहन इस कदर है कि अब उन्होंने साउथ की अपनी कुछ अहम फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज करने के बजाय सीधे हिंदी में ही रिलीज करने का मन बना लिया है। उनके कुछ निर्माता इसके लिए तैयार भी हो गए हैं। असल में इन दिनों अमूमन साउथ की फिल्मों का बजट मेगा होता है। उसे देखते हुए उनके कुछेक निर्माताओं ने इसका मन भी बना लिया है। इसी कड़ी में उनकी एक तमिल फिल्म सीटीमार हिंदी में भी रिलीज होगी जिसमें साउथ के स्टार अभिनेता गोपीचंद उनके हीरो हैं।
हुमा कुरैशी अब महारानी
इन दिनों पूरे जोश के साथ अभिनेत्री हुमा कुरैशी वेब सीरीज महारानी की शूटिंग शुरू कर चुकी हैं। निर्देशक सुभाष कपूर का पोलिटिकल ड्रामा महारानी ओटीटी प्लेटफार्म सोनी लिव पर दिखाई जाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि यह बिहार की बेहद चर्चित मुख्यमत्री राबड़ी देवी के जीवन पर बेस्ड है। इसमें एक बेहद अचर्चित से अभिनेता सोहम शाह राबड़ी देवी के पति लालू प्रसाद यादव का अहम किरदार करेंगे। निश्चित तौर पर यह हुमा के करिअर का एक बडा टर्निग पाइंट है। जो लोग यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि हुमा की फिल्म इंडस्ट्री से विदाई हो चुकी है, उनके लिए यह बड़ा जवाब भी है। इसके साथ ही जल्द वह कई हीरोइन से भरी अक्षय कुमार की फिल्म बेलबाॅटम में भी दिखाई पड़ेंगी। हुमा अब किसी भी माध्यम में काम करने के लिए तैयार हैं। बशर्ते उसमें उन्हें जोरदार फुटेज मिले। यही वजह है कि हाल ही में उन्होंने एक शार्ट फिल्म में भी काम करना मंजूर किया है।
फरहान अख्तर ला रहे हैं तूफान…
काफी दिनों से लाॅकडाउन में फंसे अभिनेता फरहान अख्तर की फिल्म तूफान जल्द ही ओटीटी के डिज्नी हाॅटस्टार प्लेटफार्म में नजर आएगी। इसमें फरहान के अलावा एक और बड़े डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश का नाम भी जुड़ा है। मूलतः संगीत से जुड़े बहुमुखी प्रतिभा के धनी फरहान अख्तर अपनी एक महाफ्लाप फिल्म लखनऊ सेंट्रल के लगभग चार साल बाद फिर से तूफान लाने की तैयारी में हैं। जहिर है राकेश मेहरा की फिल्म भाग मिल्खा भाग के बाद तूफान फिर उनके लिए एक बड़ा पड़ाव बन सकती है। इसमें वह राष्ट्रीय स्तर के एक ऐसे बाॅक्सर बने हैं, जो अंततः अपने टैलेंट से सबका मुंह बंद कर देता है। फरहान पूर्व में भी ऐसे रॅफ-टफ रोल कर चुके है।
जया को याद है सत्यजीत राय की चाय
इन दिनों हिंदी और साउथ की फिल्मों के अलावा जयाप्रदा कुछ क्षेत्रीय फिल्मों में भी लगातार काम करती रहती हैं। पिछले साल उन्होंने पंजाबी फिल्म ‘भूत अंकल तुसी ग्रेट हो’ में काम किया था। उन्होंने अपने फिल्मी करिअर में कुछेक बंगला फिल्मों में भी अभिनय किया था। इसी वजह से महान फिल्मकार सत्यजित राय उन्हें अच्छी तरह से जानने लगे थे। असल में कभी अपने एक इंटरव्यू में राय मोशाय ने कहा था, ‘भारतीय नायिकाओं के बीच जयाप्रदा उनकी देखी अत्यंत सुंदर नायिका हैं। आज वर्षों बाद वह प्रसंग उठने पर उनके चेहरे पर लालिमा उभर आती है। वह कहती हैं, ‘एक अनुष्ठान में मेरा मिस्टर रे के साथ परिचय हुआ था। उसके दो-एक हफ्ते बाद ही उन्होंने बताया कि वह मेरे साथ काम करना चाहते हैं। कोलकाता आने पर मैं उनसे जरूर मिलूं। मैं यह सुनते ही झूम उठी थी। इसके कुछ दिनों बाद ही मैं एक काम के सिलसिल में कोलकाता गई। उनको अपने आने की जानकारी देते ही उन्होंने कहा, ‘चलो चाय के डेट पर चलते हैं। मैं उनके घर पर ही उनसे मिलने गई। उन्होंने मुझे बहुत अच्छी चाय पिलाई थी।’
मैदान में अजय देवगन
2 अप्र्रैल, 1969 को दिल्ली में जन्मे अजय देवगन पिछले बीस साल से स्टारडम की चर्चा में लगातार कायम हैं। खामोश तबीयत के अजय हर अच्छी-बुरी चर्चा से हमेशा दूर अपनी फिल्मों को लेकर ही मैदान में डटे हुए हैं। फिलहाल मैदान उनके दिल के बहुत करीब है। यह फिल्म लगभग पूरी हो चुकी है। बस इसकी थोड़ी-बहुत शूटिंग जो कोलकाता में होनी है, पश्चिम बंगाल चुनाव की वजह से जून में होगी। इसमें अजय एक फुटबाल कोच सैयद अब्दुल रहीम का रोल कर रहे हैं। इसकी पृष्ठभूमि 1952 से 1962 है। जब भारतीय फुटबाल का चरम दौर था। हैदराबाद में जन्मे अब्दुल रहीम को भारतीय फुटबाल का गोल्डन स्टार माना गया है।
रजनीकांत को देर से सम्मान…
70 की इस उम्र में अभिनेता रजनीकांत की उपलब्धियों का आकाश बहुत विशाल है। इसलिए दादा साहब फालके उनके अभिनय कद के मुताबिक ही है। बस कुछ लोगों की यह शिकायत जरूर है कि उन्हें यह अवार्ड थोड़ा पहले ही मिल जाना चाहिए था। उनके बारे में ज्यादा बताना थोड़ा अटपटा-सा लगता है। वह शिवाजी राव गायकवाड़ से रजनीकांत कैसे बने या उनका फिल्मी सफर कैसा रहा, कुछ भी तो उनके अनगिनत प्रशंसकों को बताने की जरूरत नहीं है। देखते-देखते उन्होंने फिल्मों में 46 साल का सफर तय तय कर लिया है। साउथ की उनकी ढेरों ब्लाॅकबस्टर फिल्मों की बात जानें भी दें, तो हिंदी फिल्मों से भी उनका गहरा रिश्ता रहा है। 1984 की गंगवा उनकी पहली हिंदी फिल्म थी।
50 के लगभग हिंदी फिल्मों में भी उन्होंनेे काम किया है। साउथ की कई हिट फिल्में भी हिदी में डब हो कर आती रही हैं। इन दिनों भी वह तमिल फिल्म अन्नाथी की शूटिंग कर रहे है। अभी एक साल पहले ही उनकी फिल्म दरबार दर्शकों को खूब पसंद आई थी।
सभी चित्र : ए चक्रवर्ती