Parliament Monsoon Session: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के 12 मिनट बाद पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर 1 बजे तक और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद दोबारा कार्यवाही 12 बजे फिर शुरू हुई, लेकिन कुछ ही मिनटों में हंगामे के कारण कार्यवाही फिर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। 2 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो गई है।
चर्चा शुरू करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का निर्णायक प्रकटीकरण था।
धर्मेंद्र यादव की टिप्पणी से लोकसभा में नोकझोंक
July 29, 2025 1:23 am
समाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव ने सोमवार को दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले का एक कारण खुफिया विफलता थी और यह देश के लिए शर्म की बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'युद्धविराम' की घोषणा की। सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए यादव की कुछ टिप्पणी की, जिसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभापति से आग्रह किया कि यादव के दावों को रिकॉर्ड से हटाया जाए। सीतारमण ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा भारत का रुख स्पष्ट करने के बावजूद सपा नेता गलत बयान दे रहे हैं। पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने यादव की टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया, जिस पर कुछ विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सैकिया ने यादव से अपनी सीट पर बैठने को कहा। यादव ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष सशस्त्र बलों की ताकत से जीता गया था, लेकिन नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच 'युद्धविराम' करने का ट्रंप का दावा देश के लोगों का अपमान है। (एजेंसी)
क्या शतक बनाने के कगार पर खड़ा खिलाड़ी 'पारी घोषित' कर देता है: 'संघर्ष विराम' पर तृणमूल सांसद
July 29, 2025 1:23 am
तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष विराम की घोषणा किये जाने पर सोमवार को सवाल उठाया और इसकी तुलना शतक बनाने के कगार पर खड़े खिलाड़ी द्वारा ‘‘पारी घोषित'' करने से की। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए बनर्जी ने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए उन दावों का ‘‘एक बार भी खंडन'' क्यों नहीं किया, जिसमें उन्होंने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका के बारे में लिखा था। बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा देश के साथ खड़ी रही है, ‘‘लेकिन अगर कोई कमी है... तो उसे जरूर बताएंगे।'' तृणमूल सांसद ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर जारी था, भारत के लोगों को काफी ‘‘उम्मीदें'' थीं, लेकिन 10 मई को संघर्ष विराम हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘... क्या आपने कभी सुना है कि कोई खिलाड़ी 90 रन पर बल्लेबाजी करते हुए शतक की ओर बढ़ रहा हो और पारी घोषित कर दे। केवल मोदी जी ही ऐसा कर सकते हैं, कोई और नहीं... बात 100 रन पूरे करने की थी, लेकिन अंत में 90 रन पर ही सिमट गया।'' चर्चा के दौरान, बनर्जी ने 10 मई को ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया वह लेख भी पढ़ा, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण एवं तत्काल'' युद्ध संघर्ष विराम के लिए सहमत हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आपने अपने एक्स हैंडल पर एक बार भी यह पोस्ट क्यों नहीं किया कि 'वह (ट्रंप) गलत हैं।' आप ऐसा करने का साहस नहीं दिखा सके।'' प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए, तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने मोदी का कद ‘‘छोटा'' हो जाता है और उनका ‘‘सीना 56 इंच से 36 इंच का हो जाता है।'' बाद में, संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई रोकने पर फिर से सवाल उठाया। बनर्जी ने आरोप लगाया, ‘‘पूरा देश आपके (प्रधानमंत्री मोदी के) साथ था। इसलिए, हम सोच रहे थे कि हम यह युद्ध जीतेंगे, पाकिस्तान को अच्छा सबक सिखाएंगे। इसलिए, जब युद्ध जीतने की बात हो रही थी, तो आपने इसे क्यों रोका?'' उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपने कभी किसी (बल्लेबाज) को 90 के स्कोर पर, शतक के कगार पर, पारी घोषित करते देखा है, (लेकिन) ऐसा ही हुआ है।'' (एजेंसी)
राहुल गांधी पाकिस्तान के दुष्प्रचार के ‘पोस्टर ब्वॉय' बन गए हैं : अनुराग ठाकुर
July 29, 2025 1:23 am
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब वह ‘एलओपी' (विपक्ष के नेता) से ‘एलओबी' (लीडर ऑपोजिंग भारत) बन गये हैं और उनके एजेंडे में केवल भारतीय सेना तथा प्रधानमंत्री का विरोध करना लिखा है। ठाकुर ने सदन में नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पता नहीं वह (राहुल) ‘‘कांग्रेस के पोस्टर ब्वॉय'' बन पाए न बन पाए लेकिन पाकिस्तान के ‘‘दुष्प्रचार के पोस्टर ब्वॉय'' बन गए हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘‘जब भारतीय सेना पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही थी...तो राहुल गांधी जी क्या कर रहे थे? वह सबूत मांग रहे थे।'' भाजपा सांसद ने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आपने कहा कि हमने ‘सरेंडर' कर दिया। जबकि हमने स्पष्ट किया है कि जब तक अभियानगत सैन्य उद्देश्य पूरा नहीं किया, हमने संघर्ष विराम नहीं किया था। और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को हमने पहले ही नकार दिया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत ‘ढाई मोर्चे' पर लड़ाई लड़ रहा था। दो मोर्चे तो सबको पता हैं लेकिन यह जो ‘आधा मोर्चा' है उसमें ‘राहुल ऑक्यूपाइड कांग्रेस' भी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राहुल अब ‘एलओपी' से ‘एलओबी' (भारत का विरोध करने वाले नेता) बन गए हैं और उनके एजेंडे में केवल देश का तथा भारतीय सेना और प्रधानमंत्री का विरोध करना लिखा हुआ है।'' ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में आज पाकिस्तान के इतने बड़े-बड़े ‘एडवोकेट' हैं कि पाकिस्तान अपनी पैरवी बाद में करता है, कांग्रेस के नेता उसकी पैरवी करने के लिए पहले खड़े हो जाते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि उन्हें पहले लगता था कि इन्हें दिक्कत मोदी जी से है, लेकिन अब पूरा विश्वास गया है कि इन्हें दिक्कत मातृभूमि से है। उन्होंने मुख्य विपक्षी दल पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘कहने को तो यह आईएनसी (इंडियन नेशनल कांग्रेस) है, लेकिन इनके बयानों और तरीकों से यही लगता है कि यह ‘इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस' बन गयी है।'' ठाकुर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ‘‘आतंकवाद के विरूद्ध भारत का शंखनाद'' था। उन्होंने कहा कि पूरे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राहुल जी की यह जानने में रूचि थी कि ‘‘भारत के कितने विमान गिराये गए...आखिर वे किसके साथ यह जानकारी साझा करने चाहते थे? जिनके हाथ रक्षा दलाली में रंगे रहे हों, अब किसके लिए दलाली करना चाहते हैं?'' उन्होंने कहा कि जब सेना की उपलब्धि की बात आती है तो उसकी तारीफ करने में विपक्ष के ‘‘होंठ क्यों सिल जाते हैं।''(एजेंसी)
सरकार को पहलगाम आतंकी हमले के लिए जवाबदेही तय करनी होगी : ओवैसी
July 29, 2025 1:23 am
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिए उसे जवाबदेही तय करनी होगी। इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, आतंकवाद एवं बातचीत भी साथ-साथ संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार भी पूरी तरह से बंद है और इस स्थिति में दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच के लिए कैसे अनुमति दी जा सकती है? उन्होंने कहा कि उनका जमीर नहीं गंवारा करता कि वह उस क्रिकेट मैच को देखें। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में विशेष चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा , ‘‘जम्मू कश्मीर में साढ़े सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और ऐसे में चार चूहे (आतंकवादी) कैसे आ गए और हमारे लोगों की जान ले ली।'' उन्होंने कहा कि अगर उपराज्यपाल की जवाबदेही बनती है तो उन्हें हटाया जाना चाहिए, अगर खुफिया ब्यूरो (आईबी) या पुलिस की जवाबदेही बनती है तो कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह सोच रही है कि ऑपरेशन सिंदूर से लोग यह विषय भूल जाएंगे तो यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान का अनुच्छेद 370 हटा दिया और जम्मू कश्मीर को राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बना दिया लेकिन इसके बाद भी वहां आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं, इससे पता लगता है कि सरकार की नीति नाकाम हो रही है। ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान को सभी जानते हैं, वह और इजराइल नाकाम देश हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार भारत एक संप्रभु देश है जिसका अर्थ है कि भारत अपने फैसले खुद करेगा लेकिन संघर्ष विराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने की। उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा घोषणा किए जाने का भारतीय सशस्त्र बलों पर क्या असर होगा, सरकार को सोचना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का खंडन भी नहीं कर रहा है। चर्चा में भाग लेते हुए भाकपा-माले (लिबरेशन) सदस्य राजाराम सिंह ने कहा कि घटनास्थल पर 2,000 पर्यटक बेसहारा थे और एक घंटे तक आतंकवादी हमला चलता रहा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब थी जब जम्मू कश्मीर में करीब सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। सिंह ने गृह मंत्री (अमित शाह) और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा कि पहलगाम हमले की जवाबदेही गृह मंत्रालय की हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी ली है और उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने पूरी तरह से साम्राज्यवादी ताकतों के सामने समर्पण कर दिया है। कांग्रेस सदस्य सप्तगिरि शंकर उलाका ने नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश की वर्षों से स्थापित विदेश नीति को इस सरकार ने पिछले 11 साल में तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत बेहतर स्थिति में था तो अचानक संघर्षविराम क्यों हुआ और ट्रंप ने ट्वीट के जरिए घोषणा कर दी कि उन्होंने संघर्षविराम रुकवा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति से संदेह पैदा होता है और ऐसा लगता है कि दाल में कुछ न कुछ काला है। (एजेंसी)
संरा के 193 सदस्य देशों में से पाकिस्तान के अलावा केवल तीन ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया था: जयशंकर
July 28, 2025 7:59 pm
पहलगाम हमले के बाद भारत को विदेश से समर्थन नहीं मिलने के विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से पाकिस्तान और तीन अन्य देशों को छोड़कर सभी ने ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया था। ऑपरेशन सिंदूर विषय पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए जयशंकर ने पाकिस्तान को चीन के समर्थन पर विपक्ष के आक्षेपों को नकारते हुए कहा कि दोनों देशों की साझेदारी 60 साल से कांग्रेस के समय से चल रही है। विदेश मंत्री ने सदन में कहा, ‘‘पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना जरूरी था। हमारी सीमाएं लांघी गईं तो यह संदेश देना जरूरी था कि परिणाम अच्छे नहीं होंगे।'' उन्होंने हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने और अटारी सीमा बंद करने जैसे कूटनीतिक निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि इन शुरुआती कदमों के बाद भारत का जवाब रुका नहीं। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक विमर्श और कूटनीतिक माहौल बनाकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसकी ‘‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने'' की नीति है और वह अपने लोगों की रक्षा करेगा। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का सदस्य होने के नाते उस मंच पर इस संबंध में समर्थन पाना भारत के लिए कठिन था, लेकिन सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के बयान को देखें तो इसमें कड़े से कड़े शब्दों में पहलगाम हमले की निंदा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से पाकिस्तान को छोड़कर केवल तीन ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया।'' विदेश मंत्री ने कहा कि इस दौरान देश ने कोई बाहरी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुका। उन्होंने कहा कि ‘क्वाड' और ‘ब्रिक्स' जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की गई। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका ने गत 17 जुलाई को ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा कि 26-11 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की पृष्ठभूमि में यह फैसला आया। उन्होंने विपक्ष के कुछ सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह हमारी कूटनीति की सफलता है। हमारे कठोर कदमों की झलक दूसरे देशों में भी दिखी और फ्रांस, जर्मनी तथा यूरोपीय संघ ने आतंकवाद के खिलाफ रुख अपनाया।'' विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वादे के अनुसार हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को जवाब दिया और उसके हमलों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि इसे प्रमाणित करने के लिए उपग्रह की तस्वीरें उपलब्ध हैं। जयशंकर ने कहा, ‘‘10 मई को कई फोन कॉल आए और बताया गया कि पाकिस्तान संघर्ष विराम को तैयार है। हमने कहा कि डीजीएमओ के माध्यम से पाकिस्तान से यह अनुरोध आना चाहिए।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान अमेरिका से बातचीत में व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं आया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष रुकवाने के दावों को लेकर विपक्ष के सवालों पर जयशंकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून के बीच कोई सीधा संवाद नहीं हुआ।'' उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद मोदी से बात की थी और 17 जून को मोदी की कनाडा यात्रा के दौरान दोनों की फोन पर बात हुई थी। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों के टोकाटोकी करने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘हमारी आपत्ति है कि विपक्ष के सदस्य शपथ लेकर सदस्य बनने वाले विदेश मंत्री के बयान पर भरोसा नहीं कर रहे, दूसरे देशों के बयान पर भरोसा करते हैं। इसलिए ये वहां (विपक्ष में) बैठे हैं और 20 साल तक वहां बैठने वाले हैं।'' जयशंकर ने विपक्ष के कुछ आरोपों पर कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद शर्म अल शेख में तत्कालीन संप्रग सरकार और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद दोनों देशों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस सरकार ने बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया और इतने कदम आतंकवाद के खिलाफ उठाए, उससे विपक्ष के लोग सवाल पूछ रहे हैं।'' जयशंकर ने पाकिस्तान को चीन के समर्थन पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पाक-चीन साझेदारी 60 साल से चल रही है। अपनी चीन यात्रा पर विपक्ष के हमलों पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं चीन गया था तनाव कम करने के संबंध में अपना रुख साफ करने। मैं गुप्त समझौतों और ओलंपिक देखने के लिए नहीं गया।'' उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने डोकलाम पर देश के बजाय चीनी राजदूत से जानकारी लेना उचित समझा। विदेश मंत्री ने कहा कि आज पाकिस्तान से लगी सीमा हो या चीन से लगी सीमा, भारतीय सेना पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने कहा, ‘‘60 साल तक सीमा की अनदेखी हुई। पिछले दस साल में बहुत काम हुआ है और काफी कुछ होना है।'' जयशंकर ने कहा कि सीमापार आतंकवाद की चुनौती अब भी कायम है और भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और बतचीत साथ-साथ नहीं चल सकते, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। (एजेंसी)
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लें गृह मंत्री: कांग्रेस
July 28, 2025 7:56 pm
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने सोमवार को केंद्र पर तीखा प्रहार किया और कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकवादी अब तक गिरफ्त से बाहर क्यों हैं और ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान कितने विमान गिरे थे। संसद के निचले सदन में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा'' में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए। उन्होंने सरकार से सवाल किया, ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अब वापस नहीं लेंगे तो कब लेंगे?'' कांग्रेस नेता ने सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए दावा किया कि सिंह ने कई सच्चाई सामने नहीं रखी। गोगोई ने कहा, ‘‘हाल में जो युद्ध हुआ वह सूचना का युद्ध था। हम दुनिया को सच्चाई की सूचना देना चाहते थे। लेकिन कुछ ताकतें झूठ फैला रही थीं। इस चर्चा का मकसद है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह जी ने बहुत सी सूचनाएं दी, लेकिन रक्षा मंत्री होने के नाते यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आ गए? आतंकवादियों ने कैसे वहां पहुंचकर लोगों की हत्या की?'' उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष का कर्तव्य है कि हम देशहित में सवाल पूछें। देश यह जानना चाहता है कि पांच आतंकवादी कैसे घुसे? उन आतंकवादियों का मकसद जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को तबाह करना और देश में सांप्रदायिक माहौल बनाना था।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘100 दिन बीत गए, लेकिन पांच आतंकियों को पकड़ा नहीं जा सका। ऐसा क्यों हैं? यह देश जानना चाहता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर आइए और लोग आए, लेकिन जब लोग आतंकवादियों की गोलीबारी में घायल हुए तो एक घंटे एंबुलेंस पहुंचने में लग गए।'' गोगोई ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) ने सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ली है। लेकिन यह जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री को लेनी चाहिए।'' उन्होंने दावा किया कि यह सरकार इतनी ‘‘कमजोर और बुजदिल'' है कि पहलगाम हमले के बाद टूर ऑपरेटर पर दोष मढ़ दिया कि उनकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार में अहंकार आ गया है।'' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, (हमले के बाद) आप सऊदी अरब से लौटकर आए तो आपको पहलगाम जाना चाहिए था, लेकिन आपने बिहार जाकर चुनावी भाषण दिया। अगर कोई पहलगाम गया तो वह हमारे नेता राहुल गांधी थे।'' इस पर सदन में सत्तापक्ष की तरफ से टोका-टोकी शुरू हो गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गोगोई से कहा कि वह सदन में तथ्यात्मक बातें रखें। कांग्रेस नेता ने कहा कि उरी हमले के बाद सरकार की तरफ से जो बातें की गई थीं, वही बातें अब की गईं हैं। गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार कह रही है कि हमारा मकसद युद्ध का नहीं था। हम पूछ रहे हैं कि क्यों नहीं था? होना चाहिए था। सरकार कह रही है कि हमारा मकसद पीओके लेना नहीं था। हम पूछ रहे हैं कि क्यों नहीं था? होना चाहिए था। पीओके अगर आज नहीं लेंगे, तो कब लेंगे?'' उन्होंने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान के एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमारे पास 35 राफेल विमान हैं, अगर इनमें से कुछ गिरे तो मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा नुकसान है।'' गोगोई ने कहा कि जो सरकार ‘‘चीन को लाल आंखें दिखाने'' की बात करती है, उस चीन का नाम तक रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब पूरा देश और विपक्ष प्रधानमंत्री के साथ खड़ा था तो अचानक ‘युद्धविराम' क्यों हुआ? अगर पाकिस्तान घुटनों पर था तो आप क्यों झुके? आप किसके सामने झुके?'' कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 बार कहा है कि उन्होंने व्यापार की बात करके युद्ध रुकवाया। उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह बताएं कि कितने विमान गिरे। यह सच्चाई सिर्फ देश की जनता को नहीं, बल्कि जवानों को भी बताया जाना चाहिए।'' गोगोई ने कहा, ‘‘सरकार सच्चाई से डरे नहीं। देश और विपक्ष पहले भी साथ खड़ा था और आज भी खड़ा है। हम सरकार के दुश्मन नहीं हैं। हम अपने देश के जवानों के पक्ष में खड़े हैं। आप हमें सच्चाई बताइए।'' उन्होंने कहा, ‘‘अपेक्षा थी कि गृह मंत्री नैतिन जिम्मेदारी लेंगे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जिम्मेदारी लेंगे और प्रधानमंत्री यह बताएंगे कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया।'' कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को सच्चाई सामने रखनी चाहिए।
पीएम मोदी विदेश से लौटने के बाद पहलगाम जाने के बजाय सीधी बिहार गए
July 28, 2025 3:11 pm
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश से लोटे और पहलगाम जाने के बजाय सीधी चुनावी भाषण देने के लिए बिहार गए। क्या उन्हें पहलगाम नहीं जाना चाहिए था।
दहशतगर्द कैसे आए थे, सच सामने आना चाहिएः गोगोई
July 28, 2025 3:10 pm
चर्चा में हिस्सा लेते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान यह नहीं बताया कि पहलगाम में दहशतगर्द कैसे आए थे, सच सामने आना चाहिए।
यह कहना गलत है कि ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में रोका गया: राजनाथ सिंह
July 28, 2025 2:47 pm
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भी राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य हासिल किए गए, लेकिन यह कहना ‘‘गलत और निराधार'' है कि इस अभियान को किसी दबाव में आकर रोका गया था। उन्होंने संसद के निचले सदन में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा'' की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘...लेकिन यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकार की गई कि यह अभियान सिर्फ रोका जा रहा है, और अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ तो अभियान फिर प्रारंभ होगा।'' सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रतिपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे, यह राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता।'' उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य बड़े हों तो अपेक्षाकृत छोटे मुद्दे पर सवाल नहीं किए जाते। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) का बेमिसाल उदाहरण है और इसके तहत पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है।
राज्यसभा में गतिरोध जारी : विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चल पाई कार्रवाई
July 28, 2025 2:33 pm
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में पिछले सप्ताह से जारी गतिरोध सोमवार को बरकरार रहा और बैठक को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर दो मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। गत सप्ताह 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में कोई कामकाज सामान्य ढंग से नहीं हो पाया है। इससे पहले, अपराह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक के दो सदस्यों एन धनपाल तथा आई एस इनबादुरै को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। धनपाल तथा इनबादुरै ने तमिल में शपथ ली। इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा के लिए 26 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि ये नोटिस एसआईआर, बंगाली प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों का विलय कर सूचना का अधिकार अधिनियम का कथित उल्लंघन और छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के मुद्दों को लेकर हैं। हरिवंश ने कहा कि ये सभी नोटिस पूर्व में आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के आलोक में समुचित नहीं पाए गए, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया। अपने नोटिस खारिज किए जाने पर विरोध जताते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ गए। उप सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर लौट जाने के लिए कहा। उन्होंने शून्यकाल के तहत नाम निर्देशित सदस्य सुधा मूर्ति से अपना मुद्दा उठाने को कहा। सुधा मूर्ति ने आंगनवाड़ी से संबंधित मुद्दा उठाने का प्रयास किया। इस बीच हंगामा तेज हो गया। हरिवंश से सदस्यों से कहा कि आंगनवाड़ी का मुद्दा महत्वपूर्ण है और सदस्यों को हंगामा नहीं करना चाहिए। उन्होंने शोर कर रहे सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर बारह बजे बैठक के पुन: शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर, बांग्ला प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित भेदभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा किए जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। तिवाड़ी ने सदस्यों से कहा ‘‘यह प्रश्नकाल है, प्रश्नकाल चलने दें और सदस्य प्रश्न पूछें।'' उन्होंने कांग्रेस के मुकुल वासनिक से प्रश्न पूछने को कहा, जिनका प्रश्न नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित था। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू जवाब देने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया। तिवाड़ी ने वासनिक से पूरक प्रश्न पूछने को कहा। वासनिक ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है। पीठासीन अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने बारह बज कर तीन मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने समुद्र द्वारा मालवहन विधेयक, 2025 पर चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल का नाम पुकारा। इस विधेयक को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पिछले सप्ताह चर्चा एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में रखा था। पटेल चर्चा में भाग लेने के लिए अपनी बात शुरू कर पाते, इसी बीच विपक्ष के कई सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के कारण कालिता ने शुरू होने के दो मिनट के भीतर ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। संसद के मानसून सत्र की शुरूआत 21 जुलाई को हुई और तब से ही सदस्य बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। उनके हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पिछले सप्ताह लगातार बाधित रही और सदन में एक बार भी शून्यकाल, प्रश्नकाल एवं अन्य विधायी कामकाज सामान्य ढंग से नहीं हो पाया। (एजेंसी)
आपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू
July 28, 2025 2:13 pm
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर' केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का निर्णायक प्रकटीकरण था।
लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
July 28, 2025 1:32 pm
लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा का आश्वासन देने की मांग पर अड़े रहे और पूर्व निर्धारित सहमति के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों के शोर-शराबे के कारण सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के एक मिनट के अंदर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में हंगामा जारी, बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित
July 28, 2025 12:42 pm
बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक के पुन: शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर, बांग्ला प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित भेदभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा किए जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। तिवाड़ी ने सदस्यों से कहा ‘‘यह प्रश्नकाल है, प्रश्नकाल चलने दें और सदस्य प्रश्न पूछें।'' उन्होंने कांग्रेस के मुकुल वासनिक से प्रश्न पूछने को कहा, जिनका प्रश्न नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित था। नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू जवाब देने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया। तिवाड़ी ने वासनिक से पूरक प्रश्न पूछने को कहा। वासनिक ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है। पीठासीन अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। सदन में हंगामा थमते न देख उन्होंने बारह बज कर तीन मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। इससे पहले, अपराह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक के दो सदस्यों एन धनपाल तथा आई एस इनबादुरै को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। धनपाल तथा इनबादुरै ने तमिल में शपथ ली। इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा के लिए 26 नोटिस मिले हैं। उन्होंने बताया कि ये नोटिस एसआईआर, बंगाली प्रवासी कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों का विलय कर सूचना का अधिकार अधिनियम का कथित उल्लंघन और छत्तीसगढ़ से जुड़े मुद्दों को लेकर हैं। हरिवंश ने कहा कि ये सभी नोटिस पूर्व में आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के आलोक में समुचित नहीं पाए गए, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया। अपने नोटिस खारिज किए जाने पर विरोध जताते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ गए। उप सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर लौट जाने के लिए कहा। उन्होंने शून्यकाल के तहत नाम निर्देशित सदस्य सुधा मूर्ति से अपना मुद्दा उठाने को कहा। सुधा मूर्ति ने आंगनवाड़ी से संबंधित मुद्दा उठाने का प्रयास किया। इस बीच हंगामा तेज हो गया। हरिवंश से सदस्यों से कहा कि आंगनवाड़ी का मुद्दा महत्वपूर्ण है और सदस्यों को हंगामा नहीं करना चाहिए। उन्होंने शोर कर रहे सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। संसद के मानसून सत्र की शुरूआत 21 जुलाई को हुई और तब से ही सदस्य बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। उनके हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पिछले सप्ताह लगातार बाधित रही और सदन में एक बार भी शून्यकाल, प्रश्नकाल एवं अन्य विधायी कामकाज सामान्य ढंग से नहीं हो पाया। (एजेंसी)
लोकसभा में एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, नहीं शुरू हो सकी ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा
July 28, 2025 12:39 pm
विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर एक बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों ने सदन की बैठक शुरू होते ही एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा किया और प्रश्नकाल नहीं चल सका। बैठक 12 बजे पुन: शुरू हुई तब भी विपक्षी सांसद हंगामा करते हुए आसन के समीप आ गए और एसआईआर के मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए आश्वासन की मांग करने लगे। सदन में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति कृष्ण प्रसाद तेन्नेटी ने आवश्यक कागज सदन में प्रस्तुत कराए। इस दौरान विपक्षी सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा और आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला आसन पर पहुंचे और उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू कराने की बात कही, लेकिन हंगामा जारी रहा। विपक्षी सांसदों के नारेबाजी करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए बिरला ने कहा कि सभी दलों के नेताओं की सहमति से आज सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होनी है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘कार्य मंत्रणा समिति में सभी दलों के नेताओं के बीच इस पर सहमति बनी थी। क्या आप नहीं चाहते कि चर्चा हो।'' उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी मुद्दे पर चर्चा का निर्णय उस विषय को सदन में उठाने से नहीं होगा और नियम प्रक्रिया के तहत कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में ही तय होगा कि किस मुद्दे पर चर्चा होगी। बिरला ने कहा, ‘‘आप लोग मेरे चैंबर में आकर सहमति जताते हैं और यहां आकर आपका व्यवहार कुछ और होता है। राजनीतिक दलों में प्रतिबद्धता भी कोई चीज होती है। आप लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चाहते हैं तो अपनी सीट पर बैठिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप लोग नहीं चाहते तो कार्यवाही स्थगित कर दूं?'' हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 10 मिनट बाद ही कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक प्रारंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य ‘एसआईआर वापस लो' के नारे लगाने लगे। बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों के तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर निराशा जताई और सवाल किया कि आखिर नियोजित तरीके से प्रश्नकाल क्यों बाधित किया जा रहा है? बिरला का कहना था, ‘‘क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं, क्या ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप लोग आए थे और कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए...आखिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे?'' उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से कहा, ‘‘माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने नेताओं को समझाओ कि इन्हें सदन में पर्चिया फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।'' हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। (एजेंसी)
बिरला ने राहुल से कहा: अपने नेताओं को समझाइए कि जनता ने पर्चियां फेंकने के लिए नहीं भेजा
July 28, 2025 12:29 pm
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान नारेबाजी करने पर विपक्षी सांसदों को आड़े-हाथों लिया और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह अपने दल के नेताओं को समझाएं कि ‘‘जनता ने उन्हें पर्चिंयां फेंकने तथा तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा है।'' बिरला ने यह भी कहा कि देश यह जानना चाहता है कि आखिर प्रश्नकाल को नियोजित तरीके से क्यों बाधित किया जा रहा है? कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को भी नारेबाजी जारी रखी। सदन की बैठक प्रारंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य ‘एसआईआर वापस लो' के नारे लगाने लगे। बिरला ने कहा, ‘‘क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं, क्या ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप लोग आए थे और कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए...आखिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे?'' उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से कहा, ‘‘माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने नेताओं को समझाओ कि इन्हें सदन में पर्चिया फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।'' लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से कहा, ‘‘आप नियोजित तरीके से सदन को बाधित करते हैं, संसद की गरिमा को गिराते हैं, आप सदन में चर्चा नहीं कराना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि क्या आप नियोजित तरीके से प्रश्नकाल नहीं चलाना चाहते? बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में माननीय सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। यह तरीका उचित नहीं है...सदन सबका है। यह देश की 140 करोड़ जनता की अभिव्यक्ति की सर्वोच्च संस्था है।''
लोकसभा में एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही बाधित
July 28, 2025 11:33 am
विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर सोमवार को लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 12 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक प्रारंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य ‘एसआईआर वापस लो' के नारे लगाने लगे। बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों के तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर निराशा जताई और सवाल किया कि आखिर नियोजित तरीके से प्रश्नकाल क्यों बाधित किया जा रहा है? बिरला का कहना था, ‘‘क्या आप सदन बाधित करना चाहते हैं, क्या ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं करना चाहते? आप लोग आए थे और कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी चाहिए...आखिर अब सदन क्यों नहीं चलने दे रहे?'' उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से कहा, ‘‘माननीय नेता प्रतिपक्ष, आप अपने नेताओं को समझाओ कि इन्हें सदन में पर्चिया फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।'' हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बीते 21 जुलाई को हुई थी और निचले सदन में अब तक प्रश्नकाल नहीं चल सका है। (एजेंसी)
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा आज, विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में
July 28, 2025 11:32 am
लोकसभा में पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज यानी सोमवार को चर्चा शुरू होगी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाग लेने की संभावना है। इस विशेष चर्चा के लिए 16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है और ऐसे में यह चर्चा तीन दिन तक चल सकती है। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार के अपने एजेंडे में ‘पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर एक विशेष चर्चा' सूचीबद्ध की है। चर्चा के दौरान विपक्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) के संपर्क करने के बाद ही सैन्य टकराव रोकने पर सहमति बनी थी। राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को चर्चा होगी। उच्च सदन में इसके लिए नौ घंटे का समय निर्धारित किया गया है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश को दुनिया तक पहुंचाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों के भी संसद के दोनों सदनों में होने वाली इस चर्चा में भाग लेने की संभावना है। संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह काफी उथल-पुथल भरा रहा, क्योंकि जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसके कुछ ही घंटे पहले उन्होंने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने से संबंधित विपक्ष द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस का राज्यसभा में उल्लेख किया था। विपक्ष ने पिछले सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की पुरज़ोर मांग की थी जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी चर्चा की मांग की है, जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। (एजेंसी)
संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होनी चाहिए: मायावती
July 28, 2025 9:39 am
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सोमवार को संसद में शुरू होने वाले ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों को ‘‘दलगत राजनीति से ऊपर उठकर'' करनी चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में आज से शुरू होने वाली चर्चा को, सत्ता व विपक्ष को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लेना चाहिये। आगे महिलाओं का सिंदूर ना उजड़े तथा मां को भी अपने बेटे गंवाने ना पड़े इस पर सरकार एवं विपक्ष को मिलकर ठोस रणनीति के तहत कार्य करना चाहिये, यही समय की मांग भी है।'' (एजेंसी)