ट्रिब्यून न्यूज़ सर्विस
नयी दिल्ली, 6 दिसंबर
मेलबर्न में भारतीय समुदाय के लिए एक कार्यक्रम में खालिस्तानी झंडों के लहराये जाने से चिंतित भारत सरकार के अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया में सिख अलगाववाद के बारे में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के चेताया है। क्वाड राष्ट्रीय नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा से पहले यह मामला सामने आया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा स्पांसर्ड भारतीय समुदाय के लिए 19 नवंबर के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा अलगाववादी झंडे लहराए जाने को भारत सरकार के अधिकारियों ने गंभीर माना। मेलबर्न में यह कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा समर्थित था और विक्टोरियन सिख गुरुद्वारा परिषद के बैनर तले आयोजित किया गया था। अधिकारियों ने विदेश मंत्री पेनी वोंग और गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओ’नील से संपर्क करके विशेष रूप से मेलबर्न में खालिस्तान आंदोलन के लिए बढ़ते समर्थन पर चिंता व्यक्त की। ‘द ऑस्ट्रेलियन’ ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि खालिस्तान का इतिहास आतंक और हिंसा से जुड़ा हुआ है और अलगाववादी सोच से प्रभावित कई सिख ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और यूके सहित एंग्लोफ़ोनिक देशों में चले गए थे, जहाँ से वे अपने समुदाय के प्रभावशाली युवाओं को खालिस्तान का सपना दिखाकर आतंकी आग में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के पास पंजाब में आतंकी हमलों के लिए आईएसआई का समर्थन होने और बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और सिख फॉर जस्टिस जैसे भारत द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के कई व्यक्तियों को आश्रय देने के पर्याप्त सबूत हैं।