लुधियाना, 17 अक्तूबर (निस)
कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे किसानों ने आज यहां फिरोजपुर रोड पर स्थित एक होटल के बाहर केंद्र की भाजपा सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन व नारेबाजी की। प्रदशर्नकारियों नें अपने हाथों में लाल रंग और भारतीय किसान यूनियन के झंडे उठाये हुए थे। होटल के अंदर भाजपा की एक बैठक चल रही थी, जिसकी अध्यक्षता पंजाब भाजपा प्रधान अश्विनी शर्मा कर रहे थे। बैठक में भाजपा के संगठन मंत्री सहित कई अन्य नेता भाग ले रहे थे। प्रदर्शन उतनी देर जारी रहा, जितनी देर बैठक चलती रही।
इस अवसर पर अकाली दल छोड़कर बिक्रम सिंह सिद्धू अपने साथियों सहित भाजपा में शामिल हो गये।
पंजाब में डर का माहौल पैदा कर रही है कांग्रेस : भाजपा
भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान अश्विनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए किसानों के हितों की आड़ में पंजाब में डर का माहौल पैदा कर रही है।
कृषि कानून पंजाब में पहले से ही लागू : किसान मोर्चा
लुधियाना (निस) : भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा है कि किसान जिन तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हो, वह तो पंजाब में पहले से ही लागू हैं। उन्होंने कहा कि यदि धरने ही देने है तो फिर बादलों के या फिर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के घर के सामने दो। किसान मोर्चा के नेता ने आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि 2006 में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एक्ट 2006 पारित करके प्राइवेट मंडियों का रास्ता खोल दिया था। इस एक्ट को पंजाब में लागू हुए 16 वर्ष हो चुके हैं।
पुतले फूंक कर किसानों ने निकाला गुस्सा
चंडीगढ़ (दविंदर पाल/ट्रिन्यू) : पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान संगठनों ने आज प्रदश में 200 से ज्यादा जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने रेलवे लाइनों, टोल प्लाजों, रिलायंस पंपों तथा भाजपा नेताओं के घरों के समक्ष लगाये माेर्चों को तेज कर दिया। उधर, किसान-मजदूर संगठन ने 24 सितंबर से शुरू किये आंदोलन को 21 अक्तूबर तक बढ़ा दिया है। उन्होंने फिरोजपुर तथा अमृतसर में रेल ट्रैकों पर 24 सितंबर से चक्का जाम किया हुआ है। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने 19 अक्तूबर को विधानसभा के सामने धरना देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी के पुतले फूंके। अलग-अलग जगह अर्थी फूंक कार्यक्रमों के दौरान किसान नेताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने मंत्रियों को पंजाब भेज रही है, जबकि दिल्ली गये किसान नेताओं को कृषि मंत्री तक ने समय नहीं दिया।