बालकिशन यादव
मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्लू) का काम आपातकालीन या आपदा की हालत में स्वास्थ्य मसलों से निपटना होता है। भारत में मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर का कांसेप्ट 1974 में आया। उप स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य देखभाल या सेवाओं का वितरण करना ही इनका अहम मकसद होता है। ये सीनियर डॉक्टरों के असिस्टेंट के तौर पर काम किया करते थे। उस समय ये लोग मलेरिया, टीबी, कुष्ठ रोग, जलजनित जैसी बीमारियों या महामारी के समय पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते थे। अब इनके कार्य का दायरा बढ़ा है। इसलिए करिअर के ऑप्शन के तौर पर इसे ज्यादा लिया जा रहा है। इनके काम करने का तरीका बहुत अलग होता है। सामान्यत: मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर उन क्षेत्रों में जाते हैं जहां अस्पताल या डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते। ये लोग स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं। महामारी में नियंत्रण करना, लोगों को भोजन सामग्री पहुंचाना, किसी भी तरह की आपदा में घायलों का इलाज करना एवं आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचाना इनका काम होता है।
कोर्स एवं योग्यता
डीपीएमआई की प्रिंसिपल अरुणा सिंह के मुताबिक, डिप्लोमा इन मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर के लिए अभ्यर्थी का किसी भी संकाय या किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। कोर्स के दौरान उन्हें सीख दी जाती है कि आपातकालीन स्थिति या किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में किस तरह समुचित मेडिकल सुविधाओं का प्रबंध करना है, उनकी तीमारदारी और सेवा कैसे करनी है। वे आपदा या महामारी फैलने की स्थिति में कैसे और किस हद तक तत्पर रहें। उन्हें महामारी या आपदा के दौरान काम करने, भोजन सामग्री पहुंचाने, जख्मी होने पर उपचार करने की ट्रेनिंग दी जाती है। यूं तो इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद हर राज्य में सरकारी व गैर सरकारी विभाग में नौकरी के कई नए अवसर खुल जाएंगे। लेकिन हरियाणा, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इन दिनों मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर की खासी डिमांड है। इनमें लड़के व लड़कियों दोनों के लिए सामान अवसर उपलब्ध हैं। डिप्लोमा इन मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर कोर्स करने के बाद स्वास्थ्य विभाग, परिवार नियोजन मंत्रालय, पर्यावरण विभाग के अलावा सरकारी व गैर सरकारी एनजीओ में तो नौकरी के ढेरों विकल्प हैं ही, प्राइवेट आर्गेनाइजेशंस में भी नौकरी के विकल्प मौजूद हैं। इन्हें प्रत्येक महीने हर एक परिवार में जाकर उनका चेकअप करना, महामारी फैलने पर नियंत्रण करना, पर्यावरण स्वच्छता पर ध्यान रखना, इमरजेंसी की हालत में किसी भी दुर्घटना की प्राथमिक चिकित्सा करना होता है। डिप्लोमा इन मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर का कोर्स करने के बाद आप सुपरवाइजर व डेवलपमेंट ऑफिसर के तौर पर काम कर सकते हैं। इन्हें शुरुआती वेतन के तौर पर 10 से 15 हजार रुपये तक मिल सकता है लेकिन तजुर्बे के आधार पर वेतन में इजाफा होता चला जाता है।
महत्वपूर्ण संस्थान
दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली
www.dpmiindia.com
महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, अम्बाला, हरियाणा www.mmumullana.org
इंडियन मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, जालंधर, पंजाब www.iminursing.in
इंस्टीट्यूट ऑफ एलाइड हेल्थ साइंसेज, कोलकाता www.iahs.co.in