गोमा (कांगो), 23 मई (एपी)
कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो फट गया जिससे पूरा आसमान लाल रंग का हो गया और लावा बहकर सड़कों पर आ गया। ज्वालामुखी फटने से शहर के लोग दहशत में आ गए और घरों से भागे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गोमा को एक अन्य प्रांत से जोड़ने वाले एक राजमार्ग पर लावा आ गया था। वहीं कई इमारतों में भी आग लगने का समाचार है। वहीं संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तहत कांगो में तैनात भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने मध्य अफ्रीकी देश के गोमा शहर के पास ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों के साथ ही वैश्विक निकाय की परिसम्पत्ति की रक्षा की। यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी। उधर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने ज्वालामुखी फटने की आशंका के मद्देनजर क्षेत्र से निकलने का कोई आदेश नहीं दिया था। माउंट नाइरागोंगो ज्वालामुखी लगभग दो दशकों में पहली बार फटा जिसके बाद गोमा में हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर भागे। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय टुकड़ी की पहल से ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अन्य कर्मियों को तेजी से निकालने में मदद मिली। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने यहां कहा, ‘‘आसन्न खतरे के मद्देनजर भारतीय दल की कार्रवाई से गोमा में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कर्मियों को वहां से निकालने एवं उसकी रक्षा करने में मदद मिली है।” संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तहत कांगो में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जिसका मुख्यालय पूर्वी शहर गोमा और सीमावर्ती रवांडा में है। भारतीय दल का ब्रिगेड मुख्यालय गोमा हवाई क्षेत्र के निकट स्थित है।
यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और लावा हवाईअड्डे के सभी रनवे पर पहुंच गया था। संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई। उसने कहा कि वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है। मिशन की ओर से कहा गया, ‘‘ऐसा लगता नहीं है कि लावा गोमा शहर की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हम सतर्क हैं।” हालांकि ज्वालामुखी फटने के बाद दहशत में आए हजारों लोग शहर से चले गए हैं।