अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस्राइल पहुंचे, पश्चिम एशिया में शांति की उम्मीद
तेल अवीव में इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य बैंड की धुनों के बीच उनका स्वागत किया। होस्टेजेज स्क्वायर पर एकत्र भीड़ ने ट्रंप के पक्ष में नारे लगाए। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि यह समझौता दो साल से जारी युद्ध को समाप्त कर स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा कदम है।
ट्रंप ने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से कहा, युद्ध खत्म हो गया है। लोग अब शांति चाहते हैं, इसलिए यह युद्धविराम कायम रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता पश्चिम एशिया में नए युग की शुरुआत करेगा और इस्राइल तथा अरब देशों के बीच संबंधों को फिर से मजबूत करेगा। व्हाइट हाउस के अनुसार, अरब और मुस्लिम देशों में भी अब दशकों पुराने इस्राइल-फलस्तीन विवाद को सुलझाने और अमेरिका के साथ रिश्तों को नया आयाम देने की इच्छा बढ़ी है।
सुरक्षा संबंधी मांगें नहीं मानीं तो फिर शुरू हो सकता है सैन्य अभियान
युद्धविराम समझौते के पहले चरण में हमास द्वारा अंतिम 48 बंधकों की रिहाई, इस्राइल की ओर से सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करना, गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाना और गाजा के प्रमुख शहरों से इस्राइली सेनाओं की आंशिक वापसी शामिल है। इस समझौते से बंधक परिवारों में राहत और फिलिस्तीनी नागरिकों में उम्मीद का माहौल है।
हालांकि स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। दोनों पक्षों को अब युद्ध के बाद गाजा के शासन, क्षेत्र के पुनर्निर्माण और हमास के हथियार त्यागने जैसे जटिल मुद्दों पर सहमति बनानी होगी। इस्राइल ने स्पष्ट किया है कि अगर उसकी सुरक्षा संबंधी मांगें नहीं मानी गईं तो सैन्य अभियान फिर शुरू हो सकता है।
आज बंधक परिवारों से मिलेंगे ट्रंप
ट्रंप मंगलवार को पहले बंधक परिवारों से मुलाकात करेंगे और फिर इस्राइल की संसद नेसेट को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे मिस्र जाएंगे, जहां राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी के नेतृत्व में गाजा और क्षेत्रीय शांति पर अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा। इस्राइल और मिस्र दोनों ने घोषणा की है कि ट्रंप को उनके देशों का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया जाएगा।
यद्यपि गाजा का अधिकांश इलाका मलबे में तब्दील है और करीब 20 लाख लोग मानवीय संकट झेल रहे हैं, फिर भी यह युद्धविराम पश्चिम एशिया में स्थायी शांति की एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। लगभग 200 अमेरिकी सैनिक युद्धविराम समझौते का समर्थन और निगरानी करने वाली टीम का हिस्सा हैं। इस टीम में भागीदार देश, गैर-सरकारी संगठन और निजी क्षेत्र के संगठन शामिल हैं।