वाशिंगटन, 24 दिसंबर (एजेंसी) कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण चिंताओं के बीच अमेरिका ने घोषणा की है कि वह 2022 में समूचे वर्ष के दौरान एच-1बी कामगार और छात्र समेत कुछ श्रेणी के वीजा आवेदकों के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार की अनिवार्यता को समाप्त कर देगा। गैर प्रवासी कामगारों के लिए एच-1बी वीजा जारी किया जाता है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी कामगारों को नियुक्त करने की अनुमति है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए इस श्रेणी के वीजा पर निर्भर हैं। विदेश विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि 31 दिसंबर 2022 तक वाणिज्यिक दूतावास के अधिकारियों को अस्थायी रूप से गैर अप्रवासी कार्य वीजा और उनके लिए योग्यता के संबंध में व्यक्तिगत साक्षात्कार को माफ करने का अधिकार दिया गया है। इनमें विशेष व्यवसायों में व्यक्ति (एच-1 बी वीजा), प्रशिक्षु या विशेष शिक्षा अतिथि (स्पेशल एडुकेशन विजिटर) (एच-3 वीजा), ‘इंट्राकंपनी ट्रांसफरीज’ (एल वीजा), असाधारण क्षमता या उपलब्धि वाले व्यक्ति (ओ वीजा), खिलाड़ी, कलाकार और मनोरंजन करने वाले (पी वीजा) और अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के प्रतिभागी (क्यू वीजा) शामिल हैं। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है इसके अतिरिक्त विदेश मंत्री ने गैर-प्रवासी वीजा की कुछ अन्य श्रेणियों के लिए 31 दिसंबर 2022 तक व्यक्तिगत रूप से साक्षात्कार को समाप्त करने के संबंध में वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के वर्तमान अधिकार को बढ़ा दिया है। इनमें अस्थायी कृषि और गैर-कृषि कामगार (एच-2 वीजा), छात्र (एफ और एम वीजा), और स्टूडेंट एक्सचेंज विजिटर (एकेडमिक जे वीजा) श्रेणी शामिल हैं। दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को अब भी मामला-दर-मामला आधार पर और स्थानीय परिस्थितियों पर आधारित व्यक्तिगत साक्षात्कार की आवश्यकता हो सकती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आवेदकों को वर्तमान परिचालन स्थिति और सेवाओं के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी के लिए दूतावास और वाणिज्य दूतावास वेबसाइट पर भी नजर रखनी चाहिए।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।