ब्रिक्स पर भड़के ट्रंप, अतिरिक्त टैरिफ की धमकी
वॉशिंगटन, 7 जुलाई (एजेंसी)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की ‘अमेरिका विरोधी नीतियों’ से जुड़ने वाले किसी भी देश पर दस प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा और इसमें कोई अपवाद नहीं होगा।
ट्रंप की यह धमकी ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का घोषणापत्र जारी होने के बाद आयी। समूह के घोषणापत्र में ट्रंप का नाम लिए बगैर टैरिफ वृद्धि और ईरान पर हमलों की आलोचना की गयी है। अमेरिका के राष्ट्रपति पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए टैरिफ वृद्धि के बारे में ‘गंभीर चिंता’ जताई गयी और कहा गया कि यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप नहीं है। ब्रिक्स ने कहा कि ऐसे प्रतिबंधों से वैश्विक व्यापार में कमी आने, वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में बाधा उत्पन्न होने का खतरा है।
ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा की गयी थी। इस समूह का पिछले वर्ष विस्तार हुआ और इसमें इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया तथा संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया। नये सदस्य देशों के अलावा, इस समूह में 10 रणनीतिक साझेदार देश भी शामिल हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया पर लगाया 25 प्रतिशत टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एशिया में अपने दो महत्वपूर्ण सहयोगियों जापान और दक्षिण कोरिया से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने व्यापार असंतुलन का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है। ट्रंप ने एक अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ की सूचना सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ' पर पोस्ट करके दी। ये पोस्ट दोनों देशों के नेताओं को संबोधित थी। ट्रंप ने दोनों देशों को चेतावनी दी कि वे अपने आयात कर में वृद्धि करके जवाबी कार्रवाई न करें, अन्यथा अमेरिका टैरिफ में और वृद्धि करेगा, जिससे उनके वाहन तथा इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है। ट्रंप द्वारा कुल 18 देशों को टैरिफ वृद्धि के पत्र भेजने की तैयारी है। भारत भी इस कदम से प्रभावित हो सकता है। द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अभी तक दोनों देशों के बीच मुद्दे अनसुलझे हैं।
दूसरों के खिलाफ हथियार न बनें महत्वपूर्ण खनिज : मोदी
रियो डी जिनेरियो (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि समूह के देशों को महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी देश इन संसाधनों का उपयोग अपने स्वार्थी लाभ या दूसरों के खिलाफ हथियार के रूप में न करे। प्रधानमंत्री की टिप्पणी, महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर चीन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और इस क्षेत्र में उसकी अपारदर्शी नीतियों को लेकर वैश्विक स्तर पर जताई जा रही चिंता के बीच आई है। लिथियम, निकल और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ड्रोन और बैटरी भंडारण सहित उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में मोदी ने कहा कि इससे रोजमर्रा की जिंदगी में काफी सुधार आ सकता है, लेकिन दूसरी ओर इससे जोखिम, नैतिकता और पूर्वाग्रह के बारे में चिंताएं भी पैदा हुई हैं। प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि भारत अगले साल ‘एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन’ का आयोजन करेगा।