वाशिंगटन, 20 सितंबर (एजेंसी)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी ऐप टिकटॉक के अमेरिका में संचालन को लेकर ऑरेकल और वॉलमार्ट कंपनियों के बीच संभावित करार की घोषणा की है। अमेरिका ने सुरक्षा कारणों के चलते टिकटॉक को प्रतिबंधित किए जाने वाले ऐप की सूची में रखा हुआ है। इस करार में नयी अमेरिकी कंपनी बनाने और 25,000 नयी नौकरियां सृजित करने की बात कही गई है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि टिकटॉक अमेरिकी युवाओं की शिक्षा के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर का अनुदान भी देगा। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस नए सौदे को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘टिकटॉक पर काम चल रहा है। हम ऑरेकल और वॉलमार्ट के बीच करार कराना चाहते हैं। सुरक्षा का 100 प्रतिशत ध्यान रखा जाएगा। वे अलग-अलग क्लाउड (डाटा) का इस्तेमाल करेंगे। इसे बेहद मजबूत सुरक्षा प्रदान की जाएगी।’ पिछले महीने ट्रंप ने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि अगर चीनी ऐप टिक-टॉक और वी-चैट का मालिकाना अधिकार अमेरिका को नहीं दिया जाता, तो 15 सितंबर तक इन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। ट्रंप ने शनिवार को कहा, ‘वह (टिक-टॉक) अमेरिका में शिक्षा के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर का अनुदान देगा। हम अमेरिकी युवाओं की शिक्षा के लिए एक विशाल कोष बनाने जा रहे है, जो बहुत अच्छा कदम साबित होगा।’
अमेरिका ने की ईरान के खिलाफ यूएन पाबंदिया बहाल, दूसरे देश नाराज
ट्रंप प्रशासन ने शनिवार को घोषणा की कि ईरान पर संयुक्त राष्ट्र की सभी पाबंदियां बहाल कर दी गयी हैं। उसके इस कदम को बाकी दुनिया ने खारिज कर दिया है और संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक से पहले इस वैश्विक निकाय में जबर्दस्त जोर-आजमाइश के आसार पैदा हो गये हैं। यह कदम तब उठाया गया है जब एक महीने पहले विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सुरक्षा परिषद को बताया कि ईरान ज्वायंट कंप्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन या जेसीपीओए (2015 के ईरान परमाणु करार) के तहत अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है।
उन्होंने स्थानीय समयानुसार शाम आठ बजे एक बयान में कहा,‘अमेरिका ने यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि ईरान के जेसीपीओए दायित्वों का पालन करने में विफल रहने के साथ ही सुरक्षा परिषद भी ईरान पर हथियार पाबंदियों का विस्तार करने में विफल रही जो उस पर 13 सालों से थी।
उन्होंने कहा, ‘अपने अधिकारों के तहत हमने हथियार पाबंदी समेत संयुक्त राष्ट्र के हटाये गये प्रतिबंधों को बहाल करने की अपनी स्नैपबैक (एक प्रकार की कानूनी) प्रक्रिया शुरु की है। फलस्वरूप दुनिया सुरक्षित रहेगी।’ लेकिन अमेरिका के इस कदम का सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों देशों ने जबर्दस्त विरोध किया है। उनका कहना है कि अमेरिका इसका कानूनी हक गंवा चुका है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में इस परमाणु करार से हट गये और ईरान पर अमेरिकी पाबंदियां लगा दी।
व्हाइट हाउस के पते पर आए एक लिफाफे में जहर !
अमेरिका में संघीय अधिकारियों ने व्हाइट हाउस के पते पर आए एक लिफाफे में जहर ‘रिसिन’ होने का पता लगाया है। एक अधिकारी ने बताया कि यह पत्र उस सरकारी प्रतिष्ठान में पकड़ा गया जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के लिए आने वाली डाक की जांच करता है। अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इसमें रिसिन होने की पुष्टि हुई है। यह कैस्टर सीड (अरंडी के बीज) में स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाला विषैला पदार्थ है। अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर यह जानकारी दी। संघीय जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि यह लिफाफा कहां से आया है और इसे किसने भेजा है। एफबीआई, सीक्रेट सर्विस और अमेरिकी डाक निरीक्षण सेवा जांच का नेतृत्व कर रहे हैं। एफबीआई ने एक बयान में कहा कि एजेंट ‘अमेरिकी सरकारी डाक प्रतिष्ठान पर आए एक संदिग्ध पत्र के बारे में पड़ताल कर रहे हैं और इससे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है।’ गौरतलब है कि नौसेना के एक वरिष्ठ कर्मचारी को ट्रंप और उनके प्रशासन के सदस्यों को इसी प्रकार के लिफाफे भेजने के आरोप में 2018 में गिरफ्तार किया गया था।