कोलंबो, 5 अप्रैल (एजेंसी)
आर्थिक संकट में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। मंगलवार को देश के नवनियुक्त वित्त मंत्री अली साबरी ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के नेतृत्व वाले असंतुष्ट सांसदों ने सरकार छोड़ने की तैयारी में दिख रहे हैं।
राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने भाई बासिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद सोमवार को साबरी को नियुक्त किया था। इससे एक दिन पहले उनके सभी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने इस्तीफा दे दिया था। मंगलवार को जब संसद बुलाई गई तो सरकार के कई सहयोगियों ने तटस्थ रहने का फैसला किया। राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा पिछले सप्ताह आपातकाल की घोषणा के बाद से यह पहला सत्र था।
सत्तारूढ़ गठबंधन ने 2020 के आम चुनावों में 150 सीटें जीती थीं और विपक्ष के सदस्यों के पाला बदलने से उसकी संख्या में और बढ़ोतरी हुई थी, हालांकि अब वह इनमें से कम से कम 41 सांसदों का समर्थन खोता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि 225 सदस्यीय संसद में साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 113 सीटों के बजाय उसके पास 109 सीटें हैं। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि पूर्व राष्ट्रपति सिरीसेना की अगुवाई में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के असंतुष्ट सांसद सत्तारूढ़ एसएलपीपी का दामन छोड़ सकते हैं। सरकार ने हालांकि दावा किया कि उसके पास साधारण बहुमत है।
श्रीलंका आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी लाइन, आवश्यक वस्तुओं की कमी और घंटों बिजली कटौती से जनता परेशान है।