जोहानिसबर्ग, 7 जून (एजेंसी)
दक्षिण अफ्रीका में वांछित भारतीय मूल के फरार गुप्ता बंधुओं (राजेश और अतुल) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के शासन के दौरान राजनीतिक भ्रष्टाचार के आरोपों में वांछित थे। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
इंटरपोल ने तीन भाइयों में से दो राजेश गुप्ता (51) और अतुल गुप्ता (53) के खिलाफ ‘रेड नोटिस’ जारी किया था, जो जुमा के शासन के दौरान सरकारी कंपनियों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीका की मुद्रा) के घोटाले में जांच के बीच सपरिवार दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गए थे। दुबई पुलिस ने एक बयान में कहा कि राजेश और अतुल को दक्षिण अफ्रीका में धनशोधन व आपराधिक आरोपों के संबंध में गिरफ्तार किया गया है।
यह गिरफ्तारी ऐसे वक्त हुई है जब जुमा के शासन के दौरान सरकारी संस्थानों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले में जांच लगभग पूरी हो गई है। जैकब जुमा 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे और उन्हें विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इंटरपोल द्वारा पिछले साल जुलाई में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के लगभग एक साल बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है। गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया।
जूताें की दुकान से की थी शुरुआत मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी। उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल कर अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश या तो अब बिक चुकी हैं या बंद हो गई हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था। ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता बंधुओं के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था। बीओबी ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं। कर चोरी पर नियंत्रण करने वाले संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेन डुवेनहेज के अनुसार देश से भागने से पहले गुप्ता बंधुओं ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी।