काबुल/नयी दिल्ली, 18 जून (एजेंसी)
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक गुरुद्वारे पर हुए हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई और सात घायल हो गए। इस दौरान कई धमाके हुए। गनीमत रही कि विस्फोटक भरे एक वाहन को गुरुद्वारे में घुसने से रोकने में सुरक्षाकर्मी कामयाब रहे।
तालिबान द्वारा नियुक्त गृह मामलों के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि शनिवार सुबह काबुल के बाग-ए-बाला क्षेत्र में करते-परवान गुरुद्वारे पर हमला हुआ और आतंकवादियों तथा तालिबान लड़ाकों के बीच कई घंटे तक मुठभेड़ चली। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, विस्फोटकों से लदे एक वाहन को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया। ताकोर ने कहा कि विस्फोटकों से भरे इस वाहन में गुरुद्वारे के बाहर विस्फोट हो गया, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। बंदूकधारियों ने पहले एक हथगोला फेंका, जिससे गुरुद्वारे के गेट के पास आग लग गई। पझवोक समाचार एजेंसी ने बताया कि तालिबान बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुद्वारे पर हमले के वक्त 30 लोग अंदर थे।
विदेश मंत्रालय ने की निंदा
नयी दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने निंदा करते हुए ट्वीट किया, ‘हम काबुल में पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबरों को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट में कहा, ‘…हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय की सलामती के लिए है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी हमले की कड़ी निंदा की।
अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख : इससे पहले, मार्च 2020 में काबुल में एक गुरुद्वारे पर हुए आत्मघाती हमले में 25 श्रद्धालु मारे गए थे और आठ अन्य घायल हुए थे। सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।