वाशिंगटन, 14 दिसंबर (एजेंसी)
अमेरिका की एक अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और 2008 में मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की जमानत याचिका खारिज कर दी। भारत राणा को भगोड़ा करार दे चुका है। मुंबई आतंकवादी हमले में भूमिका को लेकर डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा के प्रत्यर्पण के भारत के अनुरोध के बाद फिर से 10 जून को उसे लॉस एंजिलिस में गिरफ्तार किया गया था। मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। हेडली 2008 के मुंबई आंतकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह सरकारी गवाह बन गया तथा हमले में अपनी भूमिका की वजह से अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है। इसी बीच राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों को सार्वजनिक नहीं करने के भारतीय आग्रह का अदालत में अमेरिका सरकार ने समर्थन किया है। भारत ने प्रत्यर्पण के लिए जो दस्तावेज पेश किए हैं, उनमें प्रत्यक्ष तौर पर मुंबई में आतंकवादी हमले में राणा की भूमिका का जिक्र है। राणा ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि उसका स्वास्थ्य का भी हवाला दिया था। राणा ने कहा था कि वह समुदाय के लिए खतरा नहीं है, जिसका अमेरिका सरकार ने विरोध किया।
कोर्ट की टिप्पणी
लॉस एंजिलिस की जिला अदालत की जज जैकलिन चूलिजियान ने 10 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि राणा ने ‘अच्छा जमानत पैकेज’ पेश किया और देश से भागने के खतरे को उल्लेखनीय रूप से कम करने वाली शर्तों को गिनवाया, लेकिन अदालत का यह मानना है कि उसने भागने के खतरे की शंका को दूर नहीं किया है। अदालत ने राणा को जेल में रखने के अमेरिका सरकार के आग्रह को मंजूरी दे दी।