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Subramaniam Vedam Case : 40 साल बाद मिला न्याय लेकिन नहीं मिली घर लौटने की इजाजत

अमेरिकी अदालतों ने भारतीय मूल के व्यक्ति को निर्वासित करने पर लगाई रोक
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American Immigration Case : अमेरिका की दो अलग-अलग अदालतों ने आव्रजन अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे भारतीय मूल के उस व्यक्ति को निर्वासित न करें, जिसने हत्या के मामले में दोषी करार देने के फैसले को पलटे जाने से पहले चार दशक जेल में बिताए थे। सुब्रमण्यम वेदम (64) नामक व्यक्ति को फिलहाल लुइसियाना के अलेक्जेंड्रिया स्थित एक अल्पकालिक निरुद्ध केंद्र में रखा गया है, जहां लोगों को निर्वासित कर विदेश भेजने के लिए हवाई पट्टी भी मौजूद है।

वेदम अमेरिका के एक वैध स्थायी निवासी हैं और उन्हें ‘सुबू' के नाम से जाना जाता है। वेदम के रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें पिछले हफ्ते मध्य पेनसिल्वेनिया से अलेक्जेंड्रिया स्थानांतरित किया गया था। आव्रजन मामलों की सुनवाई कर रहे एक न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को वेदम के निर्वासन पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक कि आव्रजन अपील ब्यूरो यह तय नहीं कर लेता कि उनके मामले की समीक्षा की जाए या नहीं। इसमें कई महीने लग सकते हैं।

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वेदम के वकीलों को उसी दिन पेनसिल्वेनिया की अमेरिकी जिला अदालत से स्थगन आदेश मिल गया, लेकिन उनका कहना है कि आव्रजन अदालत के निर्णय को देखते हुए यह मामला फिलहाल रुका रह सकता है। वेदम भारत से शैशव अवस्था में (बहुत छोटे बच्चे के रूप में) कानूनी रूप से अमेरिका आए थे और स्टेट कॉलेज नामक स्थान पर बड़े हुए, जहां उनके पिता पेन स्टेट विश्वविद्यालय में अध्यापन करते थे।

उन्हें 1980 में एक दोस्त की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस साल अदालत ने दोषसिद्धि के फैसले को पलट दिया। उन्हें तीन अक्टूबर को राज्य की जेल से रिहा कर दिया गया, लेकिन उन्हें सीधे आव्रजन हिरासत में ले लिया गया।

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