लंदन, 4 अगस्त (एजेंसी) ब्रिटेन में सत्तारूढ़ दल कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के एक नए सर्वेक्षण में पता चला है कि विदेश मंत्री लिज ट्रस प्रधानमंत्री पद पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी ऋषि सुनक के मुकाबले काफी आगे हैं। ‘कंजर्वेटिवहोम’ वेबसाइट द्वारा बुधवार रात को जारी सर्वेक्षण में पाया गया कि पार्टी के सदस्यों में से 58 फीसदी ने ट्रस का समर्थन किया। नये नेता 5 सितंबर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालेंगे। पूर्व वित्त मंत्री सुनक को 26 प्रतिशत का समर्थन मिला, जबकि 12 प्रतिशत अपने फैसले को लेकर अनिश्चित थे। बुधवार से यह दूसरा मतदान है, जिसमें कैबिनेट मंत्री ट्रस को भारतीय मूल के सुनक पर बढ़त बनाते हुए दिखाया गया है। ‘यू गॉव’ पर पहले सर्वेक्षण में दिखाया गया था कि ट्रस सभी आयु समूहों में, देश के विभिन्न हिस्सों में और पुरुषों एवं महिलाओं के बीच सुनक से आगे थीं। सर्वेक्षण में कहा गया, ‘यदि हमारे नए निष्कर्ष और यू गॉव सही हैं तो कुल मिलाकर मुकाबले के इस चरण में बढ़त बनाने के लिए सुनक को व्यापक ‘गेम चेंजर’ बनने की जरूरत होगी। यह बढ़त कहां से मिलेगी, इसकी राह मुश्किल दिखती है।’ नवीनतम निष्कर्ष ऐसे वक्त आए हैं जब सुनक को एक अन्य पूर्व दावेदार और पार्टी के वरिष्ठ नेता साजिद जाविद से भी झटका लगा है, जिन्होंने ट्रस को उनके ‘स्पष्ट एजेंडे’ के लिए अपना समर्थन दिया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।