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Russia-Ukraine Conflict : अब रोबोट लड़ेंगे जंग, सुरक्षा के लिए यूक्रेन की डिजिटल सेना तैयार

सैनिकों की सुरक्षा के लिए यूक्रेन ने खतरनाक अभियानों के लिए रिमोट-नियंत्रित वाहनों का उपयोग किया
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Russia-Ukraine Conflict : घातक रूसी ड्रोन से भरे युद्धक्षेत्र में यूक्रेनी सैनिक रिमोट-नियंत्रित बख्तरबंद वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कई तरह के काम करने में सक्षम हैं और सैनिकों को संभावित जानलेवा अभियानों से बचा सकते हैं। पिछले साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से जारी युद्ध में सैनिकों की कमी का सामना कर रही यूक्रेनी सेना खास तौर पर ऐसे वाहनों को तैनात करने के लिए उत्सुक है जिन्हें सैनिक ‘‘रोबोट ऑन व्हील्स'' कहते हैं।

ये वाहन छोटे टैंकों जैसे दिखते हैं और रसद पहुंचा सकते हैं, बारूदी सुरंगें साफ कर सकते हैं और घायलों या मृतकों को निकाल सकते हैं। ‘मियामी' नाम से मशहूर 20वीं ल्यूबार्ट ब्रिगेड के एक प्लाटून के कमांडर ने सैन्य नियमों का हवाला देते हुए नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘यह पूरी तरह से सैनिक की जगह नहीं ले सकता''।

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उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे इस तरह कहूंगा कि एक इंसान वहां जा सकता है, लेकिन एक इंसान के लिए यह (कभी-कभी) बहुत खतरनाक होता है।'' ये रोबोटिक वाहन ज्यादातर यूक्रेनी कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं और इनकी कीमत उनके आकार और क्षमताओं के आधार पर लगभग 1,000 अमेरिकी डॉलर से लेकर 64,000 अमेरिकी डॉलर तक होती है।

इस तरह के वाहन 1,000 किलोमीटर की अग्रिम पंक्ति पर तैनात यूक्रेनी सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, लेकिन युद्ध में ऐसे वाहन कोई नयी बात नहीं है। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की सेना ने ऐसे ही रिमोट नियंत्रित लघु टैंक का इस्तेमाल किया था, जिसे गोलिएथ कहा जाता है। रूसी सेना भी रिमोट नियंत्रित वाहनों का इस्तेमाल करती है।

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