न्यूयॉर्क (अमेरिका), 9 जून (एजेंसी) यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत को तैयार नहीं है, क्योंकि वह अब भी खुद को ताकतवर समझता है। जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिका के औद्योगिक नेताओं से कहा कि रूस का अभी वार्ता के लिए आना ‘संभव नहीं है, क्योंकि अब भी रूस अपनी ताकत का अनुभव कर सकता है।’ वीडियो लिंक के जरिए अनुवादक की मदद से जेलेंस्की ने कहा, ‘हमें रूस को कमजोर करना होगा और यह काम विश्व को करना होगा।’ जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के मैदान में अपना काम कर रहा है और रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए और भी सख्त प्रतिबंधों का आह्वान किया। उन्होंने औद्योगिक नेताओं ने कहा, ‘हमें रूस की वैश्विक वित्तीय प्रणाली को पूरी तरह ठप करना होगा।’ उधर, यूक्रेन ने इस्पात संयंत्र में युद्ध के दौरान मारे गए यूक्रेनी लड़ाकों के शव हासिल किए। यूक्रेन के नेता ने कहा कि रूस महत्वपूर्ण दक्षिणपूर्वी शहर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।