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Pakistani Donkeys चीन में बढ़ी पाकिस्तानी गधों की मांग, एक गधा बेचकर मिल सकते हैं 2 लाख रुपये

‘एजियाओ’ उद्योग बना वजह, गरीब मजदूरों की आजीविका संकट में
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कराची, 8 जून (एजेंसी)

Pakistani Donkeys पाकिस्तान में गधों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिसका मुख्य कारण चीन की पारंपरिक दवा ‘एजियाओ’ उद्योग में गधों की खाल की भारी मांग है। कराची के मजदूर अब इस नई आर्थिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। कुछ साल पहले जहां एक सामान्य गधा 30,000 रुपये में मिलता था, वहीं अब इसकी कीमत 1.5 से 2 लाख रुपये तक पहुंच गई है।

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अब्दुल रशीद, जो गधा गाड़ी चलाकर जीवन यापन करते हैं, पिछले सप्ताह हुए एक हादसे में अपने गधे ‘टाइगर’ को खो चुके हैं। नया गधा खरीदना उनके लिए अब लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने कहा, “टाइगर को आठ साल पहले 30 हजार रुपये में खरीदा था। आज वही गधा डेढ़ से दो लाख रुपये में मिल रहा है। मेरे जैसे सैकड़ों लोग अब भूख और बेरोजगारी के खतरे से जूझ रहे हैं।”

रशीद ने बताया कि कराची की सबसे बड़ी गधा मंडी लियारी में भी स्वस्थ गधे की कीमत 1.55 लाख रुपये से शुरू होती है। “मेरी सालाना कमाई चार लाख रुपये से कम है, मैं इतनी रकम कहां से लाऊं?”

चीन की दवा इंडस्ट्री बना रही गधों की मांग

चीन की अरबों डॉलर की एजियाओ इंडस्ट्री गधों की खाल से जिलेटिन निकालती है, जिसका उपयोग पारंपरिक चीनी दवाओं में किया जाता है। यह जिलेटिन थकावट दूर करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, ट्यूमर से बचाव और एनीमिया जैसी बीमारियों में लाभकारी माना जाता है।

देश में गधों की बढ़ती आबादी और मांग

पाकिस्तान में गधों की अनुमानित संख्या 59 लाख है, जो इथियोपिया और सूडान के बाद विश्व में तीसरे स्थान पर है। पिछले एक वर्ष में देश में गधों की संख्या में 1.09 लाख की वृद्धि हुई है।

ईंट-भट्टों, कचरा प्रबंधन, निर्माण, पुनर्चक्रण और घरेलू सामान ढोने जैसे कई कार्यों में गधे अहम भूमिका निभाते हैं। एक गधा गाड़ी वाला मजदूर रोजाना लगभग 1500 से 2000 रुपये कमाता है, जिसमें आधा खर्च गधे के चारे और देखभाल में चला जाता है।

चीन की नजर पाकिस्तान पर, सरकार की सतर्कता

अप्रैल 2025 में पाकिस्तान के फूड सिक्योरिटी मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने चीनी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी, जिसमें पाकिस्तान में गधा फार्म खोलने की संभावना पर चर्चा हुई थी। हालांकि, खैबर पख्तूनख्वा के पशुपालन निदेशक डॉ. असल खान के अनुसार, “कुछ निजी चीनी कंपनियों ने प्रस्ताव तो दिए, लेकिन हम गधों को खाल के लिए चीन भेजने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।”

कमजोर गधे भी बिक रहे हैं चीनियों को

लियारी मंडी में गधे बेचने वाले ज़ोहैब शाह बताते हैं, “चीन की कुछ पार्टियों ने कमजोर और बीमार गधे भी 40,000 रुपये प्रति जानवर के हिसाब से खरीदे हैं। उनकी रुचि केवल गधों की खाल में है, न कि उनकी सेहत में।”

मांस के अवैध व्यापार को लेकर चिंता

कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधिकारी सलीम रज़ा ने चिंता जताई, “अगर गधों को चीन भेजना है तो यह सुनिश्चित होना चाहिए कि उन्हें पाकिस्तान में न मारा जाए। गधे का मांस हमारे लिए हराम है और इसका अवैध व्यापार रोकना जरूरी है।”

उन्होंने सरकार से मांग की है कि गधों की खाल और मांस की प्रोसेसिंग के लिए अलग फैक्ट्रीज़ स्थापित की जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गधे का मांस पाकिस्तानी बाजार में न आए।

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