इस्लामाबाद, 19 मार्च (एजेंसी) पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा है कि शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान देश में न तो मौजूदा राजनीतिक संकट में किसी का पक्ष ले रहा है और न ही प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का पक्ष ले रहा है। ‘समा टीवी’ के शो ‘नदीम मलिक लाइव’ में शुक्रवार रात शरीफ ने सेना के साथ अपने संबंधों, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति, चुनावी सुधार और मौजूदा राजनीतिक हालात में सेना की भूमिका समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने कहा कि विपक्षी दल उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन अंतिम फैसला पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ द्वारा किया जाएगा। पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में मौजूदा आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है। अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है। ‘समा टीवी’ पर साक्षात्कार के दौरान शरीफ से वर्तमान परिदृश्य में सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका के बारे में पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अब तक कहीं से फोन नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी ने नहीं बताया कि उन्हें (प्रतिष्ठान से) फोन आया है।’ शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान कहते थे कि जब अंपायर तटस्थ हो जाता है तो सब कुछ निष्पक्ष हो जाता है, लेकिन अब उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जिसे ‘‘ अपनी जुबान से कह नहीं सकता।’ वह प्रधानमंत्री के एक हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि इंसान पक्ष लेते हैं और ‘केवल जानवर तटस्थ होते हैं।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।