कोलंबो, 8 अप्रैल (एजेंसी)
श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी एसजेबी ने शुक्रवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रही जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाने में यदि विफल रहती है तो वह उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। विपक्षी नेता साजित प्रेमदासा ने साथ ही यह कहते हुए देश में राष्ट्रपति की शासन प्रणाली को समाप्त करने का आह्वान किया कि सत्ता कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच विभाजित होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में सत्ता प्रमुख राष्ट्रपति होता है। प्रेमदासा ने कहा कि वह राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति के रूप में बने रहने के साथ एक अंतरिम सरकार के लिए सहमत नहीं हो सकते। एसजेबी ने कहा कि वह राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने को भी तैयार है। उन्होंने श्रीलंका में आर्थिक संकट को दूर करने के लिए एसजेबी की ओर से संसद को प्रस्ताव भी प्रस्तुत किये। विपक्ष राष्ट्रपति और पूरे राजपक्षे परिवार के इस्तीफे की मांग को लेकर पूरे द्वीपीय देश में जारी सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के समर्थन में है। गौर हो कि आर्थिक संकट से कैसे निपटा जाए, इस पर तीन दिनों की बहस में संसद आम सहमति तक पहुंचने में विफल रही है। राष्ट्रपति और उनके बड़े भाई एवं देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अभी भी सत्ता पर काबिज हैं, बावजूद इसके कि उनका परिवार जनता के गुस्से के केंद्र में है। परिवार के पांच अन्य सदस्य जो जनप्रतिधि हैं उनमें तुलसी राजपक्षे, सिंचाई मंत्री चमल राजपक्षे और एक अन्य रिश्तेदार एवं खेल मंत्री नमल राजपक्षे शामिल हैं।