बर्लिन, 2 मई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों की समीक्षा की और यूक्रेन संकट का उल्लेख करते हुए कहा कि युद्ध में कोई विजयी नहीं होगा, सभी को नुकसान होगा, इसलिए भारत शांति के पक्ष में है। वहीं, चांसलर शॉल्ज ने जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया। शॉल्ज ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारत की भूमिका अहम है।
दोनों पक्षों के बीच बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट के आरंभ से ही हमने तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि विवाद सुलझाने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। मोदी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष से उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं, विश्व में खाद्यान्न और उर्वरकों की भी कमी हो रही है। इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है, किंतु विकासशील और गरीब देशों पर इसका ज्यादा गंभीर असर हो रहा है। जर्मनी के साथ संबंधों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई मूल्यों को साझा करते हैं, इनके आधार पर हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड बाद के काल में भारत अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे तेज वृद्धि देख रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि भारत वैश्विक रिकवरी का महत्वपूर्ण स्तंभ बनेगा। हाल ही में हमने बहुत कम समय में संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता में त्वरित प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।
बर्लिन में प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्ज ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने भी हिस्सा लिया। बाद में मोदी और शॉल्ज ने छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार-विमर्श (आईजीसी) कार्यक्रम की सह अध्यक्षता की। आईजीसी की शुरुआत 2011 में हुई थी।
भारतीय मूल के 2 बच्चों ने जीता दिलं
बर्लिन : प्रधानमंत्री 3 देशों की यूरोप यात्रा के पहले चरण में सोमवार को बर्लिन पहुंचे और यहां प्रवासी भारतीयों ने उनका शानदार स्वागत किया। इनमें शामिल आशुतोष नाम के एक बच्चे ने देशभक्ति का गीत गाया और मोदी ने उसकी सराहना करते हुए कहा, ‘शाबाश’। छोटी बच्ची मान्या ने प्रधानमंत्री को पेन्सिल से तैयार किया गया उनका एक चित्र भेंट किया। उन्होंने मान्या के साथ तस्वीर खिंचवाई और चित्र पर हस्ताक्षर भी किए।
तेज विकास चाहता है आज का भारत
पीएम मोदी ने जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, आज का आकांक्षी भारत तीव्र गति से विकास चाहता है। यह जानता है कि राजनीतिक स्थिरता और मजबूत इच्छा शक्ति आवश्यक है। सकारात्मक बदलाव और तीव्र विकास की आकांक्षा के कारण ही भारतीयों ने 30 साल बाद 2014 में पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी। भारत में साल 2014 के आसपास 200-400 स्टार्टअप थे, उनकी संख्या अब करीब 68,000 हो गई है।