केप केनवरल, 30 जुलाई (एजेंसी)
मंगल ग्रह की चट्टान को पहली बार धरती पर लाकर किसी प्राचीन जीवन के प्रमाण की जांच के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अब तक का सबसे बड़ा और जटिल रोवर बृहस्पतिवार को प्रक्षेपित किया। ‘परसेवेरेन्स’ नामक यह रोवर, शक्तिशाली एटलस-5 राॅकेट पर सवार होकर मंगल की यात्रा पर निकला। प्लूटोनियम की शक्ति से संचालित, छह पहियों वाला रोवर मंगल की सतह पर छेद कर चट्टानों के सूक्ष्म नमूने एकत्र करेगा, जिन्हें संभवतः 2031 में धरती पर लाया जाएगा। इस कवायद में और देशों के शामिल होने की भी उम्मीद है। कार के आकार का यह रोवर 25 कैमरों, 2 माइक्रोफोन, ड्रिल और लेजर से युक्त है। इसकी लागत 8 अरब डॉलर बताई जा रही है।
इस अभियान के जरिये मंगल पर जीवन के प्रमाण खोजने के अलावा लाल ग्रह के बारे में बहुत सी जानकारी मिलने से 2030 के दशक तक मानव अभियान के लिए मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी पिछले सप्ताह मंगल पर पहुंचने के लिए अपने रोवर भेजे हैं।
उम्मीद है कि तीनों देशों के रोवर 7 महीने और 48 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करने के बाद अगले साल फरवरी तक लाल ग्रह पर पहुंच जाएंगे।
लाल ग्रह पर उड़ेगा नन्हा हेलीकॉप्टर!
अमेरिका अकेला देश है जिसने मंगल पर सुरक्षित तरीके से अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता पाई है। इस बार भेजा गया रोवर अमेरिका का नौवां अभियान है। सब कुछ ठीक रहा तो रोवर मंगल पर 18 फरवरी 2021 को उतरेगा। परसेवरेंस ‘जेजेरो क्रेटर’ पर जाकर जीवन के प्रमाण तलाश करेगा। माना जाता है कि इस स्थान की चट्टानों पर सूक्ष्म जीवों के अवशेष हैं और वहां 3 अरब साल पहले झील थी। रोवर, टाइटेनियम के ट्यूब में चट्टान के 15 ग्राम नमूने एकत्र करेगा। वह एक नन्हा हेलीकाॅप्टर भी छोड़ेगा जो किसी दूसरे ग्रह पर उड़ान भरने का पहला प्रयास होगा।