बोस्टन, 25 जून (एजेंसी) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने नेविगेशन सॉफ्टवेयर की आपूर्ति में देरी के कारण शुक्रवार को क्षुद्रग्रह से जुड़े एक मिशन को टाल देने की घोषणा की। साइकी नाम के एक अनोखे धातु क्षुद्रग्रह के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए इस साल सितंबर या अक्टूबर में एक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया जाना था। नासा के मुताबिक, एजेंसी की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला ने नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण में सहायक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति कई महीनों की देरी से की है, जिससे इस मिशन को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। नेविगेशन सॉफ्टवेयर किसी भी अंतरिक्ष यान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। नासा के ग्रह विज्ञान विभाग के प्रमुख लॉरी ग्लेज ने बताया कि नेविगेशन सॉफ्टवेयर की आपूर्ति में देरी के कारण अंतरिक्ष एजेंसी ने इस मिशन को फिलहाल रोकने का फैसला किया है। ग्लेज के अनुसार, मिशन के लिए नेविगेशन सॉफ्टवेयर की आपूर्ति समय पर न हो पाने के कारणों के अलावा यान कब दोबारा प्रक्षेपण के लिए तैयार हो सकेगा, इन बातों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र जांच की जाएगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।