टोक्यो, 24 मई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अधिक समृद्ध और सुरक्षित विश्व के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त करते हुए दोनों देशों के बीच रक्षा एवं आर्थिक संपर्कों को गहरा बनाने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं ने मंगलवार को टोक्यो में क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर बैठक की। इसके बाद व्हाइट हाउस ने ‘संयुक्त सैन्य बल-बहरीन’ में सहयोगी देश के रूप में भारत के शामिल होने की घोषणा की। दोनों देशों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपनी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए अहम गठजोड़ की घोषणा भी की। साइबर व अंतरिक्ष क्षेत्र में भी रक्षा संबंधों को विस्तार दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिकी पहल (आईसीईटी) की शुरुआत की है। यह क्वांटम कम्प्यूटिंग, 5जी, 6जी, बायोटेक जैसे क्षेत्रों में सहयोग को सुगम बनाने के लिए है। दोनों देशों ने दीर्घकालिक वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम को वर्ष 2027 तक बढ़ा दिया, जो संयुक्त जैव चिकित्सा शोध को जारी रखने के लिए है।
संपर्क बढ़ाएंगे भारत-जापान
टोक्यो में मंगलवार को सरकारी गेस्ट हाउस में रात्रि भोजन से पहले मछलियों को दाना डालते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। साथ में हैं उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा। इससे पहले दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर सार्थक चर्चा की तथा रक्षा विनिर्माण, कारोबार एवं निवेश तथा साझा हितों को बढ़ावा देने के साथ लोगों के बीच सम्पर्क बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
इस ग्रह के सबसे नजदीकी साझेदार बनेंगे : बाइडेन
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को ‘भरोसे की साझेदारी’ बताया। उन्होंने अमेरिकी उद्योगों को भारत में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में निर्माण के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा, ‘रक्षा एवं अन्य मामलों में हमारे साझा हितों और हमारे साझा मूल्यों ने विश्वास के हमारे बंधन को मजबूत किया है।’ वहीं, बाइडेन ने कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को इस ग्रह की सबसे निकटतम साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्हाेंने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे।
क्वाड ने दी चीन को चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित क्वाड समूह के नेताओं ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में ‘बिना किसी उकसावे व एकतरफा रूप से’ यथास्थिति बदलने और तनाव बढ़ाने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने बल प्रयोग या किसी तरह की धमकी के बिना शांतिपूर्ण ढंग से विवादों का निपटारा करने का आह्वान किया। इसे आक्रामक चीन के लिए स्पष्ट संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
क्वाड समूह के नेताओं ने क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच अंतर्राष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था को बरकरार रखने का संकल्प व्यक्त किया। बैठक के बाद क्वाड के संयुक्त बयान में चारों नेताओं ने कहा, ‘हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्यों, सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता, बिना बल प्रयोग के विवादों का शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा करने का पुरजोर समर्थन करते हैं। हम नौवहन एवं विमानों की उड़ान संबंधी स्वतंत्रता को बनाये रखने के पक्षधर हैं। ये सभी हिंद प्रशांत क्षेत्र और दुनिया में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के लिए जरूरी हैं। क्वाड इन सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक रूप से मिलकर काम करना जारी रखेगा।’ समूह के चारों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था बनाये रखने का संकल्प व्यक्त किया।