संयुक्त राष्ट्र, 27 जनवरी (एजेंसी)
भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगान सरजमीं या क्षेत्र में मौजूद अन्य पनाहगाह से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग न मिले, यह सुनिश्चित करने की दिशा में ‘ठोस प्रगति’ होनी चाहिए। भारत की इस टिप्पणी को पाकिस्तान के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को कहा, ‘आतंकवाद अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593 कई महत्वपूर्ण और तात्कालिक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।’ अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन से जुड़ी सुरक्षा परिषद की बैठक में तिरुमूर्ति ने कहा, ‘यूएनएससी का प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ जंग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को बयां करता है। इसमें अफगान सरजमीं का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए न होने देने की तालिबान की प्रतिबद्धता भी शामिल है।’
पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘हालांकि, प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगान सरजमीं या क्षेत्र में मौजूद अन्य पनाहगाह देशों से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग न मिले, यह सुनिश्चित करने की दिशा में हमें ‘ठोस प्रगति’ दिखनी चाहिए।’