वाशिंगटन, 26 फरवरी (एजेंसी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध, अमेरिका और रूस के बीच संबंधों से अलहदा है और इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है। अमेरिका ने साथ ही कहा कि उसने रूस के साथ संबंध रखने वाले हर देश से नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुरक्षित रखने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को कहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के अहम हित और मूल्य जुड़े हुए हैं। प्राइस ने शुक्रवार को दौनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘भारत के साथ हमारे अहम हित जुड़े हुए हैं। हम भारत के साथ अहम मूल्य साझा करते हैं, और हम जानते हैं कि भारत के रूस के साथ संबंध उन संबंधों से अलग हैं जो हमारे और रूस के बीच हैं। और सही में इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है।’ उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘भारत के रूस के साथ मजबूत रिश्ते हैं,जो हमारे यकीनन नहीं हैं। भारत और रूस के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध हैं,जो हमरे बीच नहीं है…हमने प्रत्येक देश से कहा है कि जिनके संबंध हैं और जो लाभ ले सकते हैं वे उसका इस्तेमाल रचनात्मक तरीके से करें।’ गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की और उसके बाद से दोनों देशों के बीच हमले जारी है। इस हमलों के लिए रूस की चौतरफा आलोचना हो रही है और अमेरिका सहित कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। प्राइस ने कहा कि अमेरिका की भारत के साथ व्यापक रणनीति साझेदारी है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।