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इमरान खान को 3 साल कैद, घर से गिरफ्तार

तोशाखाना केस : पार्टी ने बताया अपहरण, हाईकोर्ट से गुहार
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इस्लामाबाद, 5 अगस्त (एजेंसी)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में शनिवार को 3 साल जेल की सजा सुनाये जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत के इस फैसले के बाद वह 5 साल तक किसी भी सार्वजनिक पद पर आसीन नहीं हो सकेंगे। इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान (70) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्हें 2018 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान राजकीय तोहफे अवैध रूप से बेचने का दोषी ठहराया गया है। अदालत ने कहा कि तोशाखाना से लिये गये तोहफों के बारे में सूचना मुहैया करने में उन्होंने धोखेबाजी की, उनकी बेईमानी संदेह से परे साबित हुई है।

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तोशाखाना, कैबिनेट प्रभाग के तहत एक विभाग है, जो शासकों और सरकारी अधिकारियों को अन्य सरकारों व विदेशी गणमान्य लोगों द्वारा दिये गये तोहफों को संग्रहीत रखता है। खबरों के अनुसार, इमरान को प्रधानमंत्री के तौर पर 14 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के 58 तोहफे मिले और उन्होंने उन सभी को बहुत कम राशि का भुगतान कर या बगैर किसी रकम की अदायगी किये अपने पास रख लिया। तोशाखाना मामला पिछले साल पाकिस्तान निर्वाचन आयोग की शिकायत पर दायर किया गया था। आयोग इससे पहले इसी मामले में इमरान को अयोग्य करार दे चुका था।

'200 पुलिसकर्मी हथियारों के बल पर ले गये'

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इमरान की गिरफ्तारी को ‘अपहरण' करार दिया। पार्टी के अतिरिक्त महासचिव उमैर नियाजी ने लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि इमरान अपने आवास पर बैठक कर रहे थे, तभी 200 पुलिसकर्मी वहां जबरन घुस गये और हथियार का भय दिखा कर उनका अपहरण कर लिया।

वीडियो जारी कर कहा- चुप न बैठें

इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनका पहले से रिकॉर्ड एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से चुप न बैठने की अपील की। उन्होंने कहा, 'आपको अपने घर पर चुप नहीं बैठना चाहिए। मेरी यह कोशिश मेरे लिए नहीं, बल्कि मेरे लोगों, मेरे समुदाय, आपके लिए है। मैं आपके बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए यह कर रहा हूं।'

पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों को जेल भेजने का लंबा इतिहास

पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियाें को जेल भेजे जाने का लंबा इतिहास है। पांचवें प्रधानमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी को जनवरी 1962 में देश-विरोधी गतिविधियों के आरोप में जेल में डाल दिया गया। नौवें प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को अप्रैल, 1979 को फांसी दे दी गई थी। बेनजीर भुट्टो को कई बार गिरफ्तार किया गया। अप्रैल 1999 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई। वर्ष 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ के सत्ता संभालने के बाद नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में वह 10 साल निर्वासन में रहे। जुलाई 2018 में, नवाज को भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी बेटी मरियम नवाज के साथ 10 साल जेल की सजा सुनाई गई। पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को भी भ्रष्टाचार के मामले में जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था।

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