वाशिंगटन, 14 फरवरी (एजेंसी)
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित करने के लिए अमेरिका की सीनेट आवश्यक दो-तिहाई बहुमत हासिल नहीं कर पाई और इसी के साथ ट्रंप को बरी कर दिया गया। 4 दिन चली सुनवाई के बाद 100 सदस्यीय सीनेट ने महाभियोग के पक्ष में 57 मत और इसके विरोध में 43 मत डाले। ट्रंप को दोषी साबित करने के लिए 10 और मतों की आवश्यकता थी।
ट्रंप पर आरोप था कि अमेरिकी कैपिटल में 6 जनवरी को उनके समर्थकों ने जो हिंसा की थी, उसे उन्होंने भड़काया था। ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के 7 सीनेटरों ने उनके खिलाफ महाभियोग के समर्थन में मतदान किया, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी पूर्व राष्ट्रपति को दोषी ठहराने के लिए आवश्यक 67 मत हासिल नहीं कर पाई। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं। अमेरिकी इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ 2 बार महाभियोग की कार्रवाई शुरू की गई है। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति है, जिन्होंने कार्यालय छोड़ने के बाद महाभियोग की कार्रवाई का सामना किया है। यदि ट्रंप को दोषी ठहरा दिया जाता, जो सीनेट उन्हें फिर से चुनाव में खड़े होने से रोक सकती थी।
इस दौरान सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप को बरी करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों की कड़ी आलोचना की और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को बरी करने के उनके वोट ‘अमेरिकी सीनेट के इतिहास की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाले वोट के तौर पर याद किए जाएंगे।’ प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने एक बयान में कहा कि हमने सीनेट में आज रिपब्लिकन पार्टी के डरपोक नेताओं के समूह को देखा, जिनके पास स्पष्ट रूप से और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि वे अपना पद बचाना चाहते हैं।
सियासी बदले की छूट दी गयी
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘किसी भी राष्ट्रपति को पहले कभी यह नहीं झेलना पड़ा।… यह बहुत दुखद है कि एक राजनीतिक दल को कानून के शासन को कलंकित करने, कानून लागू कराने वालों का अपमान करने, भीड़ को बढ़ावा देने, दंगाइयों को माफ करने और न्याय को राजनीतिक प्रतिशोध के माध्यम के रूप में बदलने की खुली छूट दी गई। …मैं हमेशा कानून के शासन, कानून लागू कराने वाले नायकों और बिना द्वेष के मामलों पर शांतिपूर्ण एवं सम्मानजनक तरीके से बहस करने के अमेरिकियों के अधिकारों का समर्थक रहा हूं और रहूंगा।’
लोकतंत्र नाजुक होता है
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि ट्रंप को बरी किया जाना यह याद दिलाता है कि, ‘लोकतंत्र नाजुक होता है, इसकी हमेशा रक्षा की जानी चाहिए, हमें सतर्क रहना चाहिए, हिंसा एवं कट्टरवाद की अमेरिका में कोई जगह नहीं है और सच का बचाव करना एवं झूठ को हराना अमेरिकी, खासकर नेताओं के तौर पर हम सबकी जिम्मेदारी है।…भले ही अंतिम मतदान में उनका दोष सिद्ध नहीं हुआ हो, लेकिन इस बात पर कोई विवाद नहीं है, उन पर लगे आरोप सही थे।’