पाकिस्तान में खंडित जनादेश, अदालतों में आयी याचिकाओं की बाढ़
इस्लामाबाद, 11 फरवरी (एजेंसी)
पाकिस्तान के आम चुनाव में खंडित जनादेश सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए। उधर, पाकिस्तान की अदालतों में याचिकाओं की बाढ़ आ गई है क्योंकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा समर्थित कई उम्मीदवारों ने चुनावी धांधली का आरोप लगाते हुए आठ फरवरी को हुए आम चुनाव के नतीजों को चुनौती दी है। ज्यादातार याचिकाएं लाहौर हाईकोर्ट में दायर की गईं, जबकि खान की पार्टी समर्थित दो उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट का रुख किया और कम से कम तीन याचिकाएं सिंध हाईकोर्ट में दायर की हैं।
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने रविवार को आम चुनाव के अंतिम परिणाम घोषित किए, जिसमें खान की पार्टी द्वारा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर तकनीकी रूप से संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीट मिली, जबकि विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट हासिल हुई है। बाकी 12 सीट पर अन्य छोटे दलों ने जीत हासिल की।
नागरिकों ने अपनी इच्छा जता दी है : पाक राष्ट्रपति
पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने रविवार को कहा कि देश के आम चुनाव में मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं और युवाओं ने ‘जोर-शोर से अपनी इच्छा जता दी है।’ अल्वी ने सभी राजनीतिक दलों और संस्थाओं से नागरिकों के विशाल जनादेश का सम्मान करने का आग्रह किया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 2018 में देश का राष्ट्रपति बनाए जाने से पहले अल्वी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे।
गठबंधन सरकार के प्रयास तेज
पाकिस्तान में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 133 सीट की जरूरत होगी। कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं। नवाज शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए गठबंधन सरकार बनाने का आह्वान किया। माना जाता है कि शरीफ को देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है। पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने अपने छोटे भाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा है। अन्य दलों के नेताओं ने भी अपनी-अपनी तरफ से कोशिशें शुरू की हैं।