जोहानिसबर्ग, 26 दिसंबर (एपी)
दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय न्याय और एलजीबीटी अधिकारों के संघर्ष के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले सक्रिय कार्यकर्ता एवं केप टाउन के सेवानिवृत्त एंग्लिकन आर्चबिशप डेसमंड टूटू का निधन हो गया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने रविवार को यह जानकारी दी। टूटू 90 वर्ष के थे। रंगभेद के कट्टर विरोधी, काले लोगों के दमन वाले दक्षिण अफ्रीका के क्रूर शासन के खात्मे के लिए टूटू ने अहिंसक रूप से अथक प्रयास किए। उत्साही और मुखर पादरी ने जोहानिसबर्ग के पहले काले बिशप और बाद में केप टाउन के आर्चबिशप के रूप में अपने उपदेश-मंच का इस्तेमाल किया और साथ ही घर तथा विश्व स्तर पर नस्ली असमानता के खिलाफ जनता की राय को मजबूत करने के लिए लगातार सार्वजनिक प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने टूटू के निधन पर शोक व्यक्त किया
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नस्ली न्याय और एलजीबीटी अधिकारों के लिए लड़ने वाले दक्षिण अफ्रीका के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेसमंड टूटू के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने टूटू को श्रद्धांजलि देते हुए रविवार को कहा कि वह विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे और मानवीय गरिमा एवं समानता पर उनके जोर को हमेशा याद रखा जाएगा। मोदी ने कहा, “आर्कबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू दुनिया भर में अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे। मानवीय गरिमा एवं समानता पर उनके जोर को हमेशा याद रखा जाएगा। मैं उनके निधन से बहुत दुखी हूं और उनके सभी प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।”