टोक्यो, 24 मई (एजेंसी)अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे। बाइडन ने क्वाड शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भारत के कोविड टीकाकरण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि भारत ने ‘अमेरिकी विकास वित्त निगम’ के इस महत्वपूर्ण कार्य को जारी रखने, टीकों का उत्पादन बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा पहलों में सहयोग देने के लिए दोनों देशों ने एक समझौता किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हम ‘भारत-अमेरिका टीका कार्रवाई कार्यक्रम’ का नवीनीकरण कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे। मैं भारत-अमेरिका साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारियों में से एक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” बाइडन ने यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन पर रूस के नृशंस एवं अनुचित आक्रमण के प्रभावों और पूरी दुनिया पर पड़ रहे इसके असर पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने को लेकर अमेरिका और भारत निकटता से परामर्श करना जारी रखेंगे।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।