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सीआईएसएफ का रिकॉर्ड विस्तार, एक साथ 11729 जवान मैदान में

देश को मिला अब तक का सबसे बड़ा ‘सिक्योरिटी बूस्ट’

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देश की आंतरिक सुरक्षा को नया आयाम देते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने रिकॉर्ड विस्तार किया है। एक साथ 11,729 प्रशिक्षित कांस्टेबल/ जीडी को परिचालन इकाइयों में शामिल कर सीआईएसएफ ने हाल के वर्षों की सबसे बड़ी एकमुश्त क्षमता वृद्धि दर्ज की है। यह कदम बल की ऑपरेशनल ताकत में 8 प्रतिशत का सीधा इजाफा करता है।

सीआईएसएफ प्रवक्ता ने बुधवार को यहां बताया कि बरवाहा, देवली, बेहरोर, थक्कोलम, भिलाई और मुंडली जैसे छह बड़े प्रशिक्षण केंद्रों से पासिंग आउट परेड के बाद ये जवान राष्ट्र की सुरक्षा की पहली पंक्ति में तैनात हो गए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा सीआईएसएफ की स्वीकृत संख्या बढ़ाकर 2.2 लाख किए जाने के बाद यह भर्ती सुरक्षा ढांचे में गेमचेंजर साबित हो रही है।

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फिलहाल सीआईएसएफ 360 से अधिक रणनीतिक प्रतिष्ठानों- हवाई अड्डे, बंदरगाह, मेट्रो, परमाणु संयंत्र, स्पेस सेंटर, औद्योगिक इकाइयों को सुरक्षा देता है। अब नये जवानों की तैनाती से जेवर एयरपोर्ट, नवी मुंबई एयरपोर्ट, भाखड़ा बांध और अन्य उभरते हाई-प्रायोरिटी संस्थानों को मजबूत सुरक्षा कवरेज मिलेगा। नयी तैनाती को लेकर सीआईएसएफ ने खतरे के स्तर और क्षेत्रीय जरूरतों का गहन विश्लेषण किया है।

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इससे जम्मू-कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों, डीएमआरसी मेट्रो नेटवर्क और देश के प्रमुख एयरपोर्ट जैसे अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों में 90 प्रतिशत से अधिक मैनपावर की कमी को पूरा कर दिया गया है। नियुक्तियां पुरुष-महिला अनुपात, फील्ड की प्रकृति, जन-आवाजाही और तकनीकी दक्षता के आधार पर की गई हैं।

महिला शक्ति की ‘अभूतपूर्व एंट्री’ : इस मेगा भर्ती का सबसे मजबूत पक्ष महिला शक्ति का विस्तार है। 1,896 महिला जवानों की तैनाती के साथ परिचालन इकाइयों में महिलाओं की उपस्थिति 18 प्रतिशत बढ़ गई है। इन्हें मुख्यतः एयरपोर्ट और मेट्रो सुरक्षा में लगाया जा रहा है, जहां वे सुरक्षा जांच से लेकर यात्री प्रबंधन तक अहम जिम्मेदारियां निभाएंगी।

हाईटेक सुरक्षा के लिए तैयार ‘नेक्स्ट-जेन फोर्स’ एयरपोर्ट सुरक्षा में आधुनिक तकनीक की बढ़ती भूमिका को देखते हुए ग्रेजुएट व तकनीकी योग्यता वाले जवानों को प्राथमिकता दी गई है। हाई-एंड स्कैनर, इंटेलिजेंट मॉनिटरिंग सिस्टम और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों की कमांड अब अधिक प्रशिक्षित, टेक-सेवी टीम के हाथों में होगी। सीआईएसएफ की यह व्यापक क्षमता वृद्धि न सिर्फ संख्या में बढ़ोतरी है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा रणनीति का निर्णायक मोड़ है।

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