संयुक्त राष्ट्र/बीजिंग, 17 जून (एजेंसी)
चीन ने लश्कर ए तैयबा के शीर्ष पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत वैश्विक आतंकी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को बाधित कर दिया है। मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है। मक्की (74) लश्कर-ए-तैयबा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता रहा है, जिसे अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) घोषित कर चुका है। भारत और अमेरिका, दोनों ने मक्की को अपने-अपने देश के कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर रखा है।
भारत और अमेरिका ने एक जून को मक्की को संयुक्त राष्ट्र परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का संयुक्त रूप से प्रस्ताव किया था। इसे यूएनएसी 1267 समिति के तौर पर भी जाना जाता है। लेकिन, पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर एक तकनीकी रोक लगा दी। इससे पहले भी, चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने की कोशिशों को बाधित किया है।
हमारा काम जारी रहेगा : चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘चीन आतंकवाद के सभी स्वरूपों का विरोध करता है और यूएनएससी में 1267 समिति में हमारे द्वारा की जाने वाली कार्रवाई ने हमेशा ही संबद्ध प्रक्रिया एवं नियमों का पालन किया है। चीन एक रचनात्मक और जिम्मेदाराना रवैये के साथ अपना कार्य जारी रखेगा।’
दोहरा मापदंड उजागर
नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीन का यह फैसला आतंकवाद का मुकाबला करने के दावे के विपरीत है और चीन के ‘दोहरे मापदंड’ का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि मक्की, भारत, खासकर जम्मू-कश्मीर, में हिंसा और हमलों को अंजाम देने के लिए योजना बनाने, धन जुटाने, गुर्गों की भर्ती करने और युवकों को कट्टरपंथी बनाने जैसे कृत्य में संलिप्त रहा है। ऐसे खूंखार आतंकवादियों को प्रतिबंधों से बचाना न केवल चीन की साख को कमजोर करेगा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीच उसे भी इस ‘जोखिम’ का सामना करना पड़ेगा।