लंदन, 4 जनवरी (एजेंसी)
ब्रिटिश सिख सेना में भारतीय मूल की 32 वर्षीय अधिकारी एवं फिजियोथेरेपिस्ट हरप्रीत चंडी ने दक्षिणी ध्रुव के लिए बिना समर्थन के अकेले दुर्गम यात्रा को पूरा करने वाली अश्वेत महिला बनकर इतिहास रच दिया है। ‘पोलर प्रीत’ के नाम से जानी जाने वाली चंडी ने अपने लाइव ब्लॉग पर सोमवार को 40 वें दिन के अंत में 700 मील (1,127 किलोमीटर) की यात्रा के बाद अपने सभी किट के साथ स्लेज खींचते हुए और शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान, लगभग 60 मील प्रति घंटे की गति से चल रही हवा से जूझते हुए इतिहास बनाने की घोषणा की।
उन्होंने लिखा, ‘मैं दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच गई, जहां बर्फबारी हो रही है। अभी मन में बहुत सारी भावनाएं हैं। मैं तीन साल पहले ध्रुवीय दुनिया के बारे में कुछ नहीं जानती थी और अंत में यहां पहुंचना कितना वास्तविक लगता है। यहां पहुंचना कठिन था और मैं सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।’ चंडी ने कहा, ‘यह अभियान हमेशा मुझसे कहीं अधिक था। मैं लोगों को अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, और मैं चाहती हूं कि आप बिना विद्रोही तमगे के इसे करने में सक्षम हों। मुझे कई मौकों पर न कहा गया है और कहा गया है कि ‘बस सामान्य काम करो’, लेकिन हम अपना सामान्य खुद बनाते हैं।’
उन्होंने अपनी यात्रा का एक लाइव ट्रैकिंग मैप अपलोड किया और बर्फ से ढके क्षेत्र में अपनी यात्रा के नियमित ब्लॉग भी पोस्ट किए। चंडी ने उनके ब्लॉग की अंतिम प्रविष्टि में कहा, ‘दिन 40 – समाप्त। प्रीत ने अंटार्कटिका में अकेले अभियान पूरा करने वाली पहली अश्वेत महिला बनने का इतिहास बनाया है।’