संयुक्त राष्ट्र, 17 नवंबर (एजेंसी)
संयुक्त राष्ट्र में ‘अप्रासंगिक और गैरजिम्मेदाराना’ टिप्पणी के लिये भारत ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि महासभा ओछे आरोपों के बजाय गंभीर चर्चा का मंच है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ‘समान प्रतिनिधित्व के सवाल और सुरक्षा परिषद में सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी’ के मुद्दे पर संबोधन में यह बात कही।
संरा में पाकिस्तानी दूत मुनीर अकरम ने अपने संबोधन में भारत की संरा सुरक्षा परिषद की सदस्यता का विरोध करते हुए नियंत्रण रेखा का संदर्भ दिया था। भारतीय दूत ने कहा, ‘मैं पाकिस्तानी प्रतिनिधि द्वारा की गई अप्रासंगिक और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी का जवाब देकर इस सभा का समय बर्बाद नहीं करना चाहता। जब भी भारत का उल्लेख होता है वह ‘बौखला’ जाता है।’
सुरक्षा परिषद ‘अक्षम’ अंग : तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद में लंबे समय से अटके सुधार के लिये ‘निर्णायक आंदोलन’ के लिये सही समय होने का जिक्र करते हुए कहा कि मुट्ठी भर देश अंतरसरकारी वार्ताओं (आईजीएन) का इस्तेमाल ‘गुमराह’ करने के लिये कर रहे हैं और ‘अक्षम’ बन चुकी सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया को रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘आज सुरक्षा परिषद एक अक्षम अंग है। वह विश्वसनीय तरीके से कार्रवाई करने में समर्थ नहीं है, खास तौर पर अपनी गैर-प्रतिनिधित्व प्रकृति के कारण। लेकिन आईजीएन प्रक्रिया के अंतर्गत क्या हो रहा है, जिससे हम बंधे हुए हैं? कुछ मुट्ठी भर देश हमें आगे नहीं बढ़ने देना चाहते।’