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कान फिल्म महोत्सव में अनसुया सेनगुप्ता ने रचा इतिहास

कान (फ्रांस), 25 मई (एजेंसी) बुल्गारिया के निर्देशक कॉन्स्टांटिन बोजानोव की हिंदी भाषी फिल्म 'द शेमलेस' के प्रमुख कलाकारों में से एक अनसुया सेनगुप्ता ने 2024 के कान फिल्म महोत्सव में ‘अन सर्टेन रिगार्ड' श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार...

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कान (फ्रांस), 25 मई (एजेंसी)

बुल्गारिया के निर्देशक कॉन्स्टांटिन बोजानोव की हिंदी भाषी फिल्म 'द शेमलेस' के प्रमुख कलाकारों में से एक अनसुया सेनगुप्ता ने 2024 के कान फिल्म महोत्सव में ‘अन सर्टेन रिगार्ड' श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। कोलकाता की रहने वाली सेनगुप्ता इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय हैं। यह इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव में भारत के लिए एक अहम उपलब्धि है। शनिवार को यह महोत्सव संपन्न हो गया।

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पुरस्कार लेते हुए शुक्रवार रात को सेनगुप्ता ने इसे दुनियाभर में अपने अधिकारों के वास्ते बहादुरी से लड़ने के लिए ‘समलैंगिक समुदाय और अन्य वंचित समुदायों' को समर्पित किया। उन्होंने कहा, 'समानता के लिए लड़ने के लिए आपको समलैंगिक होने की जरूरत नहीं है- हमें बस बहुत, बहुत सभ्य इंसान बनने की जरूरत है।' ‘द शेमलेस' का 17 मई को कान में सर्वप्रथम प्रदर्शित किया गया था। शोषण और दुख की अंधेरी दुनिया को दिखाने वाली यह फिल्म दो यौन कर्मियों की कहानी है जो अपनी बेड़ियां तोड़ना चाहती हैं। इसमें सेनगुप्ता ने रेणुका का किरदार निभाया है जो एक पुलिसकर्मी की हत्या करने के बाद दिल्ली के एक वेश्यालय से भाग जाती है और उत्तर भारत में यौन कर्मियों के एक समुदाय के बीच रहने लग जाती है जहां उसकी मुलाकात देविका (ओमारा) से होती है।

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ब्रिटिश-भारतीय फिल्मकार संध्या सुरी की फिल्म ‘संतोष' को भी इस श्रेणी में नामांकित किया गया था लेकिन उसे कोई पुरस्कार

नहीं मिल पाया। ‘अन सर्टेन रिगार्ड' श्रेणी का उद्देश्य सिनेमा के नए चलन, नए रास्तों और नए देशों को उजागर करना है। इस श्रेणी का शीर्ष पुरस्कार चीनी फिल्म निर्माता गोउ झेन की 'ब्लैक डॉग' को मिला है।

30 साल में पहली बार पाम डिओर पुरस्कार की दौड़ में शामिल भारतीय फिल्म

पायल कपाड़िया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' ने 77वें कान फिल्म महोत्सव में पाम डिओर पुरस्कार की दौड़ में शामिल होकर इतिहास रच दिया है। महोत्सव में दिए जाने वाले इस शीर्ष पुरस्कार को पाने की दौड़ में आज तक किसी भारतीय महिला निर्देशक की फिल्म शामिल नहीं हुई थी और न ही देश के किसी फिल्मकार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। चार प्रमुख अभिनेता-अभिनेत्रियों कानी कुश्रुति, दिव्या प्रभा, हृदयु हारून और छाया कदम समेत फिल्म निर्माण दल के सदस्यों के साथ कपाड़िया ने समीक्षकों को संबोधित किया। समीक्षकों ने फिल्म की जमकर प्रशंसा की है।

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