वाशिंगटन, 9 अक्तूबर (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच मुलाकात के एक पखवाड़े बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि अब ध्यान भारत और अमेरिका के वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर निरंतर आगे बढ़ने पर है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस समय, उच्च स्तरीय वार्ताकारों चाहे वे विदेश मंत्री हों, विदेश मंत्रालय के अधिकारी हों या राष्ट्रीय सुरक्षा दल के नेता हो, उनके जरिए काम जारी रखने पर और आर्थिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा, कोविड से निपटने तथा महामारी पर काबू पाने के लिए हम किस तरह आगे बढ़ सकते हैं, इस पर हमारा ध्यान होगा।’ साकी ने कहा कि इसलिए आने वाले हफ्तों और महीनों में नेता के स्तर से निचले स्तर पर लेकिन फिर भी उच्च स्तर पर काम जारी रहेगा।’ मोदी और बाइडेन की मुलाकात के पखवाड़े भर से भी कम समय में दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय दौरे हुए तथा अगले कुछ हफ्तों में कैबिनेट स्तर के कई दौरे होने हैं। इनमें प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का अमेरिका दौरा और अमेरिका के उप विदेश मंत्री विंडी शेरमन का भारत दौरा प्रमुख हैं। शुक्रवार को दोनों देशों की रक्षा नीति समूह की 16वीं बैठक हुई तथा पेंटागन ने घोषणा की कि उसके चीफ ऑफ नेवल स्टाफ अगले हफ्ते भारत जाएंगे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।