टोरंटो, 28 जुलाई (एजेंसी) कनाडा की पुलिस ने रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। मलिक को 1985 के एअर इंडिया कनिष्क विमान आतंकवादी बम धमाके मामले में बरी कर दिया गया था, जिसमें 331 लोगों की जान गई थी। सिख समुदाय से नाता रखने वाले मलिक की 15 जुलाई को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनिष्क विमान बम धमाके से जुड़े मामले में मलिक और सह-आरोपी अजायब सिंह बागरी को 2005 में आरोपमुक्त कर दिया गया था। रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने बुधवार को सर्रे में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि ब्रिटिश कोलंबिया के एब्ट्सफोर्ड से 21 वर्षीय टैनर फॉक्स और न्यू वेस्टमिंस्टर के वैंकूवर उपनगर से 23 वर्षीय जोस लोपेज को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। समाचार पत्र ‘टोरंटो स्टार’ की खबर के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दी और केवल इतना बताया कि मलिक की हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी मनदीप मूकर ने कहा, ‘जांच और पुलिस की कुशलता से, इस हत्याकांड के संबंध में हमें दोनों संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता मिली। पुलिस के पास इन दोनों के बारे में पहले से जानकारी थी।’ मलिक के बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने कहा कि उनके परिवार ने इस खबर पर मिली-जुली भावनाएं व्यक्त की हैं। जसप्रीत ने कहा, ‘जांच का नतीजा चाहे कुछ भी हो, हमने एक महान व्यक्ति खो दिया है।’ जसप्रीत ने कहा कि पुलिस ने परिवार को कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी है और वह इस विषय पर अटकलें नहीं लगाना चाहते कि उनके पिता को क्यों मारा गया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।