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Vehle Raihan Da Muqabla: पंजाब के गांवों में ‘वेहले रैहण दा मुकाबला’

Vehle Raihan Da Muqabla: बिना फोन बैठे रहने की अनूठी प्रतियोगिता को इंस्टाग्राम पर मिले 20 लाख से ज्यादा व्यूज़
प्रतियोगिता में शामिल लोगों की वीडियो से लिया गया चित्र।
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Vehle Raihan Da Muqabla:‘वेहले रैहण दा मुकाबला’ यानी खाली बैठे रहने की अनूठी प्रतियोगिता इन दिनों पंजाब के कई गांवों में चर्चा का विषय बन रही है। सबसे पहले बरनाला जिले के महल कलां के गहल गांव में एक युवक ने इसका आयोजन किया था और अब कई अन्य गांवों में भी यह आइडिया पहुंच रहा है। इसके पहले इवेंट के वीडियो को इंस्टाग्राम पर 20 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

इस ट्रेंड के पीछे हैं गुरजीत सिंह, जो एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर और यूट्यूबर हैं। उन्होंने कहा कि यह आइडिया लोगों को अपने मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए बढ़ावा देते हुए कुछ मजा करने की इच्छा से आया था। गहल गांव में आयोजित किए गये मुकाबले में प्रतियोगियों को आराम से बैठना था, कोई फोन नहीं, कोई गेम नहीं, कोई वॉशरूम ब्रेक नहीं और सोने के लिए भी ब्रेक नहीं।

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एंट्री फीस 100 रुपये थी और इनाम की रकम थी 4500 रुपये। गुरजीत ने कहा, ‘शुरू में मेरे गांव के लोग मुझ पर हंसे। हमने इसे अपने घर पर होस्ट किया। हर प्रतियोगी को पानी की बोतल, बिस्किट, चिप्स, एक गद्दा और कंबल दिया गया। हमने सिर्फ 50 एंट्री की इजाजत दी, लेकिन राजस्थान समेत दूर-दराज़ के इलाकों से भी लोग हिस्सा लेना चाहते थे। पारदर्शिता के लिए वीडियोग्राफी की गई।’

एक से ज्यादा बने विजेता

गुरजीत के अनुसार, प्रतियोगिता के दौरान एक बुजुर्ग ने दोपहर करीब 12.30 बजे पाठ पढ़ना शुरू किया और सुबह 4 बजे तक पढ़ते रहे। मानसा के एक युवक ने पांच किताबें पढ़ीं। 20 घंटे से ज्यादा समय बाद भी छह प्रतियोगी बैठे थे, इसलिए इनाम राशि उनके बीच बांटने का फैसला किया गया और वॉशरूम न जाने के नियम की वजह से सेहत की चिंताओं को देखते हुए सांत्वना पुरस्कार भी बढ़ा दिया।

इसकी चर्चा से प्रेरित होकर, मोगा जिले के घोलिया खुर्द गांव के राजा सिंह 30 नवंबर को प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं। कई अन्य गांवों में भी ऐसेे इवेंट होने की उम्मीद है।

स्क्रीन से चिपके रहने के जमाने में, सबसे मुश्किल चुनौती चुपचाप बैठे रहना और कुछ न करना हो सकता है। आयोजक ने दावा किया कि यह पूरी तरह से ‘फन एक्टिविटी’ थी और इसलिए उन्होंने अधिकारियों से किसी भी तरह की मंजूरी नहीं ली। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी एक्टिविटी के बारे में पता नहीं है और वह देखेंगे कि क्या यह उनके दायरे में आता है।

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