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Diwali Special : गर्भवती महिला कर रही थी दिवाली की तैयारी, तभी श्राप दे पति की चिता पर किया आत्मदाह...पढ़ें इस 'शापित' गांव की कहानी

हमीरपुर जिले का सम्मू गांव सती के शाप के कारण इस साल भी दिवाली नहीं मनाएगा
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हमीरपुर जिले का सम्मू गांव सती के शाप के कारण इस साल भी दिवाली नहीं मनाएगा। यह परंपरा वहां कई सदियों से चली आ रही है। उपप्रधान वीना देवी ने शनिवार को बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा रोशनी के त्योहार के दिन जानबूझकर अंधेरा करने की प्रथा तब से चली आ रही है, जब एक महिला ने स्वयं को अपने पति की चिता पर जला लिया था। उस दिन को श्राप दिया था।

सम्मू गांव जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है और वहां के ग्रामीणों अधिकतम दीये जलाने की अनुमति है, लेकिन पटाखे फोड़ने और दिखावे से परहेज रखने की एक अलिखित समझ बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि परंपरा से कोई भी विचलन किसी विपत्ति का संकेत होता है। गांव वालों के अनुसार, कुछ सौ साल पहले, एक गर्भवती महिला दिवाली की तैयारी कर रही थी, तभी उसके पति का शव घर लाया गया जो स्थानीय राजा की सेना में एक सैनिक था।

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व्यथित होकर, उस महिला ने स्वयं अपने पति की चिता पर आत्मदाह कर लिया। हालांकि मरने से पहले, उसने एक श्राप दिया कि गांव के लोग कभी दिवाली नहीं मना पाएंगे। एक बुजुर्ग ग्रामीण ठाकुर बिधि चंद ने बताया कि जब भी वे इस दिन को मनाने की कोशिश करते हैं, या तो किसी की मृत्यु हो जाती है या गांव पर कोई विपत्ति आ जाती है। हवन और अन्य अनुष्ठानों के जरिए इस शाप को दूर करने की कोशिशें की गईं, लेकिन सब व्यर्थ रहा।

एक अन्य ग्रामीण विजय कुमार ने बताया कि 3 साल पहले, ग्रामीणों ने एक विशाल यज्ञ किया था, लेकिन श्राप की शक्ति अभी भी उन पर हावी है। इतने साल बीत जाने के बावजूद, इस शाप का प्रभाव इतना अधिक है कि कई लोग इस दिन अपने घरों से बाहर भी नहीं निकलते।

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