Cloudburst Tragedy : धराली त्रासदी से पुराने जख्म हुए ताजा, याद आई केदारनाथ और ऋषिगंगा आपदा की तबाही
Cloudburst Tragedy : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने से मची भीषण तबाही ने 2013 की केदारनाथ और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दीं। केदारनाथ और ऋषिगंगा में आई बाढ़ की तरह ही धराली की खीरगंगा नदी में आया पानी व मलबे का विनाशकारी सैलाब कुछ क्षणों में ही बड़े-बड़े होटलों और मकानों को अपने साथ बहा ले गया।
गंगोत्री धाम के रास्ते में स्थित खूबसूरत क्षेत्र पलक झपकते ही मलबे के ढेर के नीचे दब गया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में पानी की ऊंची लहरें उठती दिखाई दे रही हैं, जिनकी चपेट में आकर मकान, होटल और अन्य इमारतें ढहती हुई दिख रही हैं। एक अन्य वीडियो में कुछ लोग तेजी से आ रहे पानी के बहाव से अपनी जान बचाने का प्रयास करते हुए दिख रहे हैं, लेकिन पानी की लहरें उन्हें अपनी चपेट में ले लेती हैं। धराली के पास स्थित प्रसिद्ध मुखबा गांव के लोग भी इस ह्रदयविदारक दृश्य को देखकर दहल गए। मुखबा गांव के रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी सुभाष चंद्र सेमवाल (60) ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा भयावह दृश्य कभी नहीं देखा।
उन्होंने कहा कि दोपहर बाद जब वह आराम करने जा रहे थे कि तभी उन्हें तीव्र गति से पानी और पत्थरों के बहने की आवाज सुनाई दी, जिसे सुनकर वह और उनके परिवार के अन्य सदस्य बाहर निकल आए। जब हमने खीरगंगा में भारी मात्रा में पानी बहकर नीचे की ओर आते देखा तो हम सब पहले तो घबरा गए, फिर हमने धराली बाजार में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए सीटियां बजाईं और चिल्ला-चिल्ला कर उन्हें वहां से भागने को कहा। उन लोगों की आवाज सुनकर कई लोग होटल से निकलकर भागे भी बाढ़ का वेग इतना तेज था कि देखते ही देखते वे सब उसमें समा गए।
एक अन्य वीडियो में लोग अपने रिश्तेदारों का कुशलक्षेम जानने के लिए उन्हें फोन करते दिख रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना गया कि सब कुछ खत्म हो गया। आपदा की सूचना मिलते ही मौके पर सबसे पहले सेना पहुंची और तुरंत राहत व बचाव कार्यों में जुट गई।