भोपाल के 90 डिग्री Flyover के बाद अब नागपुर में 'अजूबा', बालकनी से गुजरता फ्लाईओवर
Nagpur Flyover: भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले फ्लाईओवर के बाद अब नागपुर का एक फ्लाईओवर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर दिघोरी से इंदौरा जानेवाला यह फ्लाईओवर खूब वायरल हो रहा है। इस फ्लाईओवर की खासियत यह है कि यह अशोक चौक के पास एक घर की बालकनी के हिस्से से होकर गुजर रहा है।
सोशल मीडिया पर कोई इस फ्लाईओवर को दुनिया का “आठवां अजूबा” बता रहे हैं तो कोई भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) व नागपुर नगर निगम पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब फ्लाईओवर बन रहा था तो मकान मालिक को मुआवजा देकर इसे अधिग्रहित क्यों नहीं किया गया। अगर यह मकान अवैध है तो इसे गिराया क्यों नहीं गया। वहीं, कई यूजर्स ने व्यंग्य करते हुए पूछा कि आखिर वह "महान इंजीनियर" कौन है, तो कोई लिख रहा है कि महाराष्ट्र के नागपुर में बना ये शानदार फ्लाईओवर आपको भी देखना चाहिए। ये किसी विश्व धरोहर से कम नहीं।
नागपुर अशोक चौक पर बना फ्लाईओवर घर की बालकनी से होकर गुजरा
इस पुल की लागत है 998 करोड रुपए@nitin_gadkari @NitinRaut_INC pic.twitter.com/UiWxmIBsML
— Lokmanchtoday (@lokmanchtoday) September 13, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह घर प्रवीण पत्रे का है। उनका परिवार लगभग 150 साल से यहां रह रहा है। पत्रे ने कहा कि उन्हें फ्लाईओवर के बालकनी से होकर गुजरने पर कोई आपत्ति नहीं है और वे सुरक्षा को लेकर भी चिंतित नहीं हैं। हालांकि, जब उनसे घर और बालकनी की वैधता को लेकर सवाल किए गए, तो उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिया।
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नागपुर का ये फ्लाईओवर 150 साल पुराने घर की बालकनी से होकर गुजर रहा है।
सवाल है:
• क्या फ्लाईओवर बनाने से पहले ऑडिट नहीं हुआ?
• क्या NHAI ने रास्ते में आ रहे घर को नहीं देखा था?
• किसी हादसे के लिए आखिर कौन जिम्मेदार होगा? pic.twitter.com/8V2iG6P8A5
— Congress (@INCIndia) September 13, 2025
998 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह 9.2 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर एनएचएआई की देखरेख में तैयार हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे की जानकारी पहले ही नगर निगम को दे दी गई थी, लेकिन कार्रवाई करना उनकी जिम्मेदारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दक्षिण नागपुर के विधायक मोहन मते ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस मामले में शामिल अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी खामियां नागपुर की साख को नुकसान पहुंचाती हैं और अधिकारियों को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी।