नयी दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। यह करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे गया था। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, यमुना का जलस्तर 205.48 मीटर तक पहुंच गया। जबकि शाम छह बजे तक यह बढ़कर 205.72 मीटर होने की आशंका है।
हथिनीकंड बैराज का पानी बढ़ा
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े पानी में मंगलवार दोपहर मामूली वृद्धि देखी गई। आईएमडी के अनुसार, 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में बुधवार को मध्यम बारिश होने की संभावना है। यमुना का जलस्तर के फिर से बढ़ने से पहले बुधवार तड़के पांच बजे यमुना में जलस्तर 205.22 मीटर था।
पुनर्वास का काम धीमा
जलस्तर बढ़ने से जलमग्न इलाकों में पुनर्वास कार्यों धीमा हो सकता है। लोगों को ज्यादा वक्त तक राहत शिविरों में रहना पड़ेगा । जलस्तर बढ़ने से पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है। वजीराबाद के पंप हाउस से सप्लाई मंगलवार को ही सामान्य हुई थी। यह पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों को पानी की आपूर्ति करता है। यह राजधानी में 25 प्रतिशत पानी की आपूर्ति करते हैं।
ओखला जल शोधन संयंत्र शुरू
गौरतलब है कि ओखला जल शोधन संयंत्र ने शुक्रवार को काम शुरू कर दिया है। चंद्रावल ने रविवार को और वजीराबाद ने मंगलवार को काम करना शुरू कर दिया। डीजेबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रतिदिन केवल 10-12 मिलियन गैलन पानी की कमी हुई है।’
कम हो रहा था जलस्तर
डीजेबी पल्ला बाढ़ के मैदानों में स्थापित ट्यूबवेल से प्रतिदिन लगभग 30 मिलियन गैलन पानी निकालता है। बृहस्पतिवार को 208.66 मीटर के शिखर पर पहुंचने के बाद यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा था। बहरहाल, सोमवार को जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन जलस्तर में फिर से कमी होनी शुरू हो गई थी।